अगर आप किराए के घर में रहते हैं तो जान ले ये बातें,
अगर आप किराए के घर में रहते हैं या शिफ्ट होने जा रहे हैं, या फिर अपना मकान किराए पर दे रहे हैं, तो रेंट एग्रीमेंट के महत्व को जरूर समझ लीजिए. नहीं आपकों कई परेशानियों का सामना पड़ सकता है. इसलिए आने वाली परेशानियों से बचने के लिए ये नियम जरूर जान लें. बता दें कि रेंट एग्रीमेंट मकान मालिक और किराएदार के बीच बनाए जाने वाला एक डॉक्यूमेंट है. इस डॉक्यूमेंट में दोनों पार्टी से जुड़ी सभी तरह की जानकारी दर्ज होती है और दोनों ही पार्टी को डॉक्यूमेंट में दिए गए नियमों का पालन करना होता है.
बता दें कि भारत में किराए के आवासों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मॉडल टेनेंसी एक्ट लागू किया है, ताकि लेन-देन की प्रोसेस को किराएदार और मकानमालिक दोनों के लिए फायदेमंद बनाया जा सके. मॉडल टेनेंसी एक्ट के तहत मकान मालिक और किराएदार दोनों को एक लिखित एग्रीमेंट पर सिग्नेचर करने होते हैं और इस अग्रीमेंट में रेंट, टेनेंसी का समय और अन्य नियम भी मेंशन किए जाते हैं. जिससे आगे आने वाले दिनों में किसी भी पार्टी को कोई परेशानी न हो. इसलिए आपको इसके नियम जानने बहुत जरूरी होते हैं.
खासतौर पर आगे होने वाले किसी भी विवाद के मामलों में दोनों ही पार्टी रिस्क में होती हैं. ध्यान रखें कि जब तक रेंट अग्रीमेंट सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में रजिस्टर नहीं करवाया जाता ये वैलिड नहीं माना जाता है. रेंट अग्रीमेंट में नियम और शर्तों को मेंशन कर इसे ड्राफ्ट कर रजिस्टर करवाना दोनों ही पार्टी के लिए फायदेमंद होता है. माकन मालिक को इसे स्टाम्प पेपर पर प्रिंट करना होता है. एक बार मकान मालिक और किराएदार 2 विटनेस की मौजूदगी में इस डॉक्यूमेंट को साइन कर दें, फिर इसे सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में इसे रजिस्टर करवा सकते हैं.