यूएन की बैठक में रूस-यूक्रेन की जंग पर भारत की तल्ख़ी, जाने क्या कहा विदेश मंत्री ने 

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भारत अब तक रूस को लेकर आलोचक नहीं हुआ है और पिछले करीब सात महीने में, यानी जब से युद्ध शुरू हुआ, पश्चिमी देश लगातार भारत से कहते रहे हैं कि उसे रूस की आलोचना करनी चाहिए. लेकिन भारत ने ना सिर्फ यूएन में रूस के खिलाफ मतदान करने से परहेज किया बल्कि उसके साथ व्यापार बढ़ाया और पहले से कहीं ज्यादा तेल खरीदा। 

मगर गुरुवार को यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस यूक्रेन के विवाद पर भरतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने तल्ख़ जुमलों का इस्तेमाल करते हुए कहा, "भारत पुरजोर तरीके से दोहराता है कि हर तरह की आक्रामकता फौरन बंद हो और बातचीत शुरू हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट तौर पर कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं हो सकता.”

उन्होंने ये भी कहा, "यूक्रेन युद्ध जिस तरह आगे बढ़ रहा है वह पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए बेहद चिंताजनक है. हालात बहुत परेशान करने वाले हैं."

डॉ. जयशंकर ने यूएन में कहा कि विवाद की स्थिति में भी मानवाधिकारों का उल्लंघन अनुचित है. उन्होंने कहा, "विवाद की स्थिति में भी मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन को जायज नहीं ठहराया जा सकता. जहां भी ऐसा कुछ होता है, तो यह जरूरी हो जाता है कि उसकी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हो.”

इस मौके पर डॉ. जयशंकर ने रूस-यूक्रेन युद्ध के वैश्विक खाद्य स्थिति पर असर की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि सभी ने महंगाई और खाद्य आपूर्ति का संकट झेला है. भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, "हम सभी ने सामान की बढ़ती कीमतें और ईंधन, अनाज व खाद की किल्लत झेली है. इस लिहाज से भी हम सबको आने वाले समय को लेकर चिंतित होना चाहिए.”