लड़कियों को लेकर केरल के नेता नतेसन की अभद्र टिप्पणी, कहां साथ बैठना तक ठीक नहीं
केरल में नंबर की दृष्टि से मजबूत हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन हाल ही में एक बयान दिया जिसे लेकर वो चर्चा में आ गए हैं.
केरल में संख्या के मामले में मजबूत माने जाने वाले हिंदू एझावा समुदाय के नेता वेल्लापल्ली नतेसन ने हाल ही में विवादित बयान दिया है. जिसे लेकर वो सभी के निशाने पर आ गए। उन्होंने कहा कि "स्कूल या कॉलेजों में लड़के-लड़कियों का एक साथ क्लासरूम में बैठना हमारी भारतीय संस्कृति के खिलाफ है". नतेसन ने आगे कहा कि यह हमारी संस्कृति में नहीं है, इससे देश में अराजकता पैदा होती है. आपको बता दें केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) नीत सरकार द्वारा स्कूलों में जेंडर न्यूट्रल नीति अपनाए जाने पर वेल्लापल्ली नतेसन मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. जिसके दौरान उन्होंने ये बयान दिया। नतेसन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बेहद करीबी माने जाते हैं. इसके बावजूद उन्होंने केरल सरकार को लेकर बहुत कुछ कहा।
लड़के लड़कियों का साथ बैठना भी मंजूर नहीं
नतेसन ने बोला कि, ‘‘हम श्री नारायण धर्म परिपालन योगम (एसएनडीपी), कक्षाओं में लड़कियों और लड़कों के एक साथ बैठने के पक्ष में नहीं हैं. हमारी अपनी सभ्यता और संस्कृति है. हम इंग्लैंड या विदेशों में नहीं रह रहे हैं. एसएनडीपी महासचिव ने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति लड़कों और लड़कियों द्वारा एक दूसरे को गले लगाने और साथ बैठने तक को स्वीकार नहीं करती है. आप आमतौर पर ईसाई और मुस्लिम शैक्षणिक संस्थानों में ऐसा होते नहीं देखते हैं.’’ हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और एसएनडीपी द्वारा प्रबंधित शिक्षण संस्थानों में ऐसी चीजें हो रही हैं. एनएसएस और एसएनडीपी राज्य में दो प्रमुख संगठन हैं जो हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विवादित बयान में कहा ये सब
आगे नतेसन ने कहा कि इस तरह का व्यवहार देश में अराजकता पैदा करता है और आप इसे हिंदू संगठनों द्वारा प्रबंधित कॉलेजों में देख सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा कारण है जिससे ऐसे संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से अच्छे ग्रेड या वित्त पोषण के मामले में पीछे रहते हैं. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 18 साल से कम उम्र के या कॉलेजों में जो युवा छात्र-छात्राएं हैं उन्हें साथ नहीं बैठना चाहिए या एक दूसरे को गले नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे अब पढ़ाई कर रहे हैं. जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और एडल्ट हो जाते हैं, तो वे जो चाहें कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों का एक साथ बैठना और एक-दूसरे को गले लगाना भारत में ठीक नहीं है. इसके बाद से लगातार उनके इस बयान की चर्चा होने लगी।