एक ऐसी डील जब मनमोहन सिंह के खिलाफ हो गए थे खुद उनकी ही पार्टी के लोग, विपक्ष में रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था उनका साथ
एक ज़माना था जब राजनीति एक अलग ही मेसेज दिया करती थी लेकिन आज राजनीति सिर्फ और सिर्फ़ नफरत की आग में पनप रही है। बात उन दिनों की है जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार थी और विपक्ष में बीजेपी थी। उस दौरान साल 1974 में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण किया था. परीक्षण के बाद से ही अमेरिका भारत से खफा था. उसने भारत पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे. करीब 30 सालों के बाद शांतिपूर्ण पहल के लिए भारत और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील की शुरुआत हुई।
18 जुलाई, 2006 को वाशिंगटन में मनमोहन सिंह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश से मिले. दोनों देशों ने न्यूक्लियर डील के ऐतिहासिक समझौते पर दस्तखत किए. इस समझौते के बाद भारत उन शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा जिसके पास परमाणु शक्ति थी. इस समझौते को इंडो-यूएस सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट कहा गया।
डील के जरिए यह तय किया गया कि भारत परमाणु शक्ति को इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी के तहत अपने पास सुरक्षित रखेगा. सैनिक और असैनिक परमाणु रिएक्टरों को अलग-अलग रखने का काम करेगा. ऐसा करने पर ही अमेरिका भारत की परमाणु मुद्दों से जुड़े मामलों में मदद करेगा. इस डील के बाद भारत को दूसरे देशों के साथ परमाणु मैटेरियल को साझा करने की अनुमति भी मिली. इससे पहले तक भारत को न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप से बाहर रखा गया था.
न्यूक्लियर डील, यह वो समझौता है जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी ही पार्टी के नेताओं का विरोध झेलना पड़ा था. जिसका जिक्र उनके मीडिया एडवाइजर रहे संजय बारू ने अपनी किताब में भी किया है. न्यूक्लियर डील के कारण सबसे ज्यादा चीन और पाकिस्तान असुरक्षित महसूस कर रहे थे. उसी समझौते के कारण कांग्रेस में नेताओं के बीच असंतोष पनपा. हालात इतने बिगड़ गए थे कि मनमोहन सिंह अपनी ही सरकार को दांव पर लगाकर इस्तीफा देने जा रहे थे.
जब पार्टी के लोग उनके साथ नहीं थे तो उन हालातों में विपक्ष के नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने उनका साथ दिया. 26 सितंबर 1932 को जन्मे मनमोहन सिंह ने जिस परमाणु समझौते के लिए अमेरिका से डील की उसकी चर्चा दुनियाभर में हुई।
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनी बहुचर्चित फिल्म "द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर" शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है। जिसके बाद से न्यूक्लियर डील पर चर्चा हो रही है ।