11 साल की लंबी लड़ाई अब जाके मिला इंसाफ, महज कुछ सेकंडों में गिर जायेगी देश की सबसे बिल्डिंग
SuperTech Twin Tower Demolition Case: कल 28 अगस्त को नोएडा के ट्विन टॉवर का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। एपेक्स और सियान नाम के इन टावरों को गिराने के लिए सोसायटी में रहने वाली आम जनता ने काफी लंबी जंग लड़ी तकरीबन 11 साल लंबे इंतज़ार के बाद इन ट्विन टॉवर्स को गिराने का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिया। दोनों कोर्ट ने ये माना कि ये ट्विन टॉवर अवैध है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल ही इसपर फैसला सुना दिया था कि ये ट्विन टॉवर अवैध है और इसको गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन इतने बड़ी बिल्डिंग को गिराने के के लिए पर्याप्त समान ना होने के कारण दिक्कतें पैदा हुई और फिर ये मामला 1 साल और टल गया।
ग्रीन जोन बता के इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ और लोगों को धोखे में वहां रख के करीब 650 परिवार के साथ धोखा कर बिल्डर्स ने एपिक्स और सियान नाम के ये गगनचुंबी इमारते खड़ी करदी। एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष यूबीएस तेवतिया ने भी मीडिया को जानकारी दी कि इस स्पेस को एक ओपन एरिया और ग्रीन ज़ोन के तरह इस्तेमाल करने की बात करके इन परिवारों के साथ धोखा किया। यही नही 2006 में इस बिल्डिंग के नक्शे में बदलाव कर इसमें 16 व 17 मंजिल एड की गई और आमूमन तौर पे अगर ट्विन टॉवर बनता है तो दोनों बिल्डिंग के नज़दीकियां करीब 16 मीटर की होनी चाहिए लेकिन इसको बHई घटा कर 9 मीटर रख दी गयी। ऐसे में इसको पूरी तरह गैरकानूनी करार दिया गया।
इन 650 से ज्यादा परिवारों ने चंदा लेकर ये केस लड़ा आवाज़ उठाई और इतने बड़े बिल्डर्स को हराया और अब जाके इन्हें इंसाफ मिला है। 2010 में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के जरिये इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कराई गई। ये लड़ाई काफी लंबी चली और अब इसे इतिहास के पन्नो में गिना जायेगा कि कैसे इन परिवारों ने सुपरटेक बिल्डर्स के खिलाफ जंग लड़ी और जीत हासिल की।