अनुपम खेर के ट्विट में आत्मविश्वास की झलक

“सत्य हमेशा पानी में तेल की बूँद की तरह होता है। आप कितना भी पानी डालो, हमेशा ऊपर आ ही जाता है।”
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अनुपम खेर के ट्विट में आत्मविश्वास की झलक
हम किसी भी कार्य को करने के लिए आगे बढते हैं, तो लोगों की तरह-तरह की अनचाही बातें सामने आने लगती है। लोगों की आलोचनाओं के अंबार लग जाते हैं। हम जब किसी कार्य को आगे बढाने में जी तोङ परिश्रम करते हैं, तो उनके ताने भी सुनने के लिए मिलते है। हमें आगे बढते देख लोग हमारी टांग खींचने में कोई कसर नहीं छोङते।
 

प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर ने बहुत ही सुंदर कथन को ट्विट कर कहा है “सत्य हमेशा पानी में तेल की बूँद की तरह होता है। आप कितना भी पानी डालो, हमेशा ऊपर आ ही जाता है।” सत्य कितना भी कङवा क्यों न हो, आखिरकार बुराईयों को पीछे छोङ सबके सामने आ ही जाता है। लोग जीवन में आगे बढने के लिए विपरीत परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाने की कोशिश में गलत संगत और गलत काम को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोङते हैं, ताकि उनके द्वारा किए गए कार्य छिप जाए और वह आगे बढें, परंतु ऐसा नहीं होता है। जैसा कि इन्होंने कहा है सच्चाई में वो ताकत है कि उसे कितनी भी दबाने की कोशिश की जाए, वह कभी न कभी तो बाहर आएगा ही, सत्य को दबाया नहीं जा सकता, वह पानी में तेल की बूंदों की भांति तैरता रहेगा।

इनकी वायरल विडीयो में कही गई खूबसूरत पंक्तियों का बङा ही सुंदर वर्णन है-

तुम   अपनी     खुबियां       ढूढों,

कमियां निकालने के लिए दुनियां है ना।

अगर रखना है कदम तो आगे रख,

पीछे पैर खींचने के लिए दुनियां है ना।

सपने देखनी है   तो   मुझे देख,

नीचा दिखाने के लिए दुनियां है ना।

अपनी अंदरूनी जुनून की चिंगारी भङका,

जलने के लिए तो लोग है ना।

अगर बनानी है तो यादें बना,

बातें बनाने के लिए दुनियां है ना।

प्यार करना है तो खुद से कर,

दुश्मनी निभाने के लिए दुनियां है ना।

रहना है तो बच्चा बनकर रह,

समझदार बनाने के लिए दुनियां है ना,

भरोसा रखना है तो खुद पर रख,

शक करने के लिए दुनियां है ना।

तो बस सवार ले खुद को,

आईना दिखाने के लिए दुनियां है ना।

खुद की अपनी पहचान बना,

भीङ में चलने के लिए दुनियां है ना।

तू कुछ कर के दिखा,

तालियां बजाने के लिए दुनियां है ना।

इन पंक्तियों के द्वारा यह ज्ञात होता है कि हम किसी भी कार्य को करने के लिए आगे बढते हैं, तो लोगों की तरह-तरह की अनचाही बातें सामने आने लगती है। लोगों की आलोचनाओं के अंबार लग जाते हैं। हम जब किसी कार्य को आगे बढाने में जी तोङ परिश्रम करते हैं, तो उनके ताने भी सुनने के लिए मिलते हैं। हमें आगे बढते देख लोग हमारी टांग खींचने में कोई कसर नहीं छोङते। यहाँ तक कि कभी-कभार हमारे काम में बाधा डालने की कोशिश करते हैं।

अतः लोगों की इन नकारात्मक वृत्तियों को दरकिनार कर हमें अपनी कार्यप्रणाली पर ध्यान देना चाहिए। इससे  आपके आत्मविश्वास को बल मिलेगा।