प्रयाग राज से हरिद्वार तक मनाया जा रहा, बसंत पंचमी

आज 16 फरवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का दिवस मनाया जाता है।
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प्रयाग राज से हरिद्वार तक मनाया जा रहा, बसंत पंचमी

आज के दिन पीला कपङा पहनने का मतलब है कि हम प्रकृति के साथ एक हो जाते हैं, क्योंकि हम प्रकृति से अलग नहीं है।

हमारे देश में प्रयाग और हरिद्वार दोनों ही बहुत धार्मिक और पवित्र स्थान है। यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड होती है। आज 16 फरवरी को बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का दिवस मनाया जाता है। इस दिन खासकर छात्र-छात्रा और पढने वाले विद्यार्थी मां सरस्वती की आराधना करते हैं। इस दिन का खास महत्त्व यह है कि आज के ही दिन प्रकृति अपने नए बदलाव में आने लगती है। यह बसंत नेचर के साथ-साथ लोगों के जीवन पर भी हरियाली लाती है। इसी समय में खेत के फसलों के फूलों पर बहार आती है। खेतों में सरसों चमकना शुरु कर देता है। गेहूं की बालियां भी खिल जाती हैं। इस  दिन पूजा, हवन ,नामकरण, कथा के लिए शुभ माना जाता है। 

अतः यह त्यौहार हमारे भारत वर्ष के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है और इसकी मान्यता भी है। माँ सरस्वती के भक्त इन दिनों अपने घर माता की पूजा करते हैं और ऐच्छिक भक्त सार्वजनिक तौर पर मूर्ति भी रखते हैं। आज के दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। आज के दिन पीला कपङा पहनने का मतलब है कि हम प्रकृति के साथ एक हो जाते हैं, क्योंकि हम प्रकृति से अलग नहीं है।