जिंदगी - एक लघु कथा

आग का संबंध मोम से है, पानी का संबंध बिजली से है। फूल का कांटें से है, उसी प्रकार स्त्री का जीवन कमल के फूल की तरह होता है, जो कीचङ में खिलता है। इन सबसे अनोखा है पति-पत्नि का रिश्ता।
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जिंदगी - एक लघु कथा

एक का कठोर और सख्त होना जरूरी है, क्योंकि ऐसे में जीवन जीना कठिन हो जाएगा। सीधे-साधे लोगों के लिए ये जीवन नहीं है।                    

एक कुँवारी लङकियों के दिल में आनेवाले भविष्य के लिए बहुत ही सुनहरें सपने होते हैं। वह अपने जीवन में आनेवाले राजकुमार के लिए कई तरह के बहुत ही काल्पनिक, अविश्वसनीय, खूबसूरत और सुंदर भविष्य की कल्पना करती है। नए-नए सपने संजोती है और उसका वह सपना भी पूरा होता है, क्योंकि कहा जाता है कि ईश्वर सबके लिए कहीं न कहीं जोङा ईश्वर अवश्य बनाता है। उसी परिकल्पना के आधार पर वह खूबसूरत राजकुमार का इंतजार भी करती है।

यह कहानी ऐसी ही एक लङकी की है जिसका नाम अनुपमा है, उसने कई सुंदर-सुनहरे सपने देखे थे। उसे खूबसूरत राजकुमार भी मिला। उसकी शादी भी हुई। भरा पूरा परिवार भी था। एक प्यार करनेवाला उसे चाहनेवाला पति स्वरूप राजकुमार भी मिला। सास, ससुर, ननद और भी पूरा परिवार मौजूद था। वह अच्छे और खुशहाल परिवार में जाकर बहुत खुश थी।

शादी से पहले माता, पिता, भाई और बहन के प्यार से वह बहुत संतुष्ट थी। कहते हैं न माईका- इसका मतलब है माँ का घर। माईके में जो प्यार, सम्मान और इज्जत उसे मिलता है उससे भी अधिक वह उसी प्यार और सम्मान को ससुराल में पति और उनके घरवालों से चाहती है, अनुपमा को नहीं मिला। ऐसा संभव शायद ही होता होगा। शादी के कुछ दिन बाद ही माताजी से वाद-विवाद हुआ, जिससे उसका सामना गुस्सा और नफरत से हुआ। उसने खुशियों और प्रेम के जो सपने देखे थे। सब धरे के धरे रह गए। उन परिस्थितियों और उन हालातों को उसने कभी नहीं देखा था। उससे उसका सामना हो गया। वह स्तब्ध खङी रह गई। उसके मन में भाव आया कि क्या मैं झूठी हूँ। मैंने आज तक जिंदगी में झूठ नहीं बोला। मैंने सबको चाहा, सबको प्यार, सम्मान व आदर दिया, परंतु आज मेरा ही सम्मान जाने कहाँ अपमान की अग्नि में जल रहा है। स्वाभिमान तो जैसे बिक ही गया। आवश्यकता से अधिक उम्मीदें व्यक्ति तब करता है, जब उसे जीवन की असली हकीकत का पता नहीं होता। ईश्वर जब जोङा बनाता है। वह सोच-समझकर बनाता है। हम जब किसी से ज्यादा उम्मीदें करते हैं। हमें सामान्य और समझौतापूर्ण जीवन जीना चाहिए, तब अपने स्वामी में ही राजकुमार मिल जाएगा। आग का संबंध मोम से है, पानी का संबंध बिजली से है। फूल का कांटें से है, उसी प्रकार स्त्री का जीवन कमल के फूल की तरह होता है, जो कीचङ में खिलता है। इन सबसे अनोखा है पति-पत्नि का रिश्ता। एक कठोर होता है, तो एक गाय की भांति सीधा-साधा। यदि जीवन में सब मीठा ही होगा, तो कङवाहट का पता कैसे चलेगा। जीवन में हर तरह के लोग आएंगे। इस जीवन को सरलता पूर्वक सहज भाव से निकालने में ही समझदारी है।  एक का कठोर और सख्त होना जरूरी है, क्योंकि ऐसे में जीवन जीना कठिन हो जाएगा। सीधे-साधे लोगों के लिए ये जीवन नहीं है।