रक्षा बजट को लेकर हुए सवाल खड़े
रक्षा बजट पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2021-22 के बजट में सिर्फ 1.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है, बताया जा रहा है सोमवार को हुए संसद में बजट को लेकर वित्त मंत्री ने डिफेंस सेक्टर को लेकर एक बार भी कुछ नहीं कहा, हाल ही में हुए भारत को बॉर्डर पर कितने तनावपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ा है जहाँ हमारे कितने जवान भी शहीद हुए जिसे लेकर यह सवाल उठाया गया कि सेना को कैसे मजबूती मिलेगी?
सोमवार को डिफेंस सेक्टर को लेकर 2021-22 के लिए 4,78,195.62 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई, वहीं पिछले साल 4,71,378 करोड़ रुपये (रक्षा पेंशन सहित) थे. पेंशन को छोड़कर, इससे पिछले साल का आंकड़ा 3.37 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.62 लाख करोड़ रुपये हुआ|
वहीं अगर पेंशन को हटा दिया जाए तो रक्षा बजट जीडीपी का महज 1.63 फीसदी है, जबकि पेंशन के साथ यह जीडीपी का 2.15 तक बढ़ जाता है. डिफेंस को लेकर चीन और पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा बजट बढ़ा रहे हैं, वहीं भारत एक्सपर्ट का यह कहना है कि डिफेंस बजट को जीडीपी के कम से कम 2.5 फीसदी तक लाना चाहिए|