शार्क के घातक हमले से आहत जीवनरक्षक

इन दस लोगों में से कुछ अपने अनुभवो को समाज और मीडिया के द्वारा सावधानी और सतर्कता बरतने की जानकारी देते हैं और आगे काम करनेवाले जीवन रक्षकों को शिक्षा प्रदान करते हैं।

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शार्क के घातक हमले से आहत जीवनरक्षक

इस माँ के द्वारा यह महत्त्वपूर्ण सीख और चेतावनी उन नए शोधकर्ता व जीवनरक्षकों के लिए कार्यरत हैं। पानी के अंदर का दृश्य यदि पूरी तरह स्पष्ट न हो, तो उसमें तैरने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।     

 

वैज्ञानिकों का मानना है कि हर साल कम से कम 100 शार्क लोगों पर घातक हमले करते हैं। उनमें से केवल पाँच या दस लोग ही बच पाते हैं। इन दस लोगों में से कुछ अपने अनुभवो को समाज और मीडिया के द्वारा सावधानी और सतर्कता बरतने की जानकारी देते हैं और आगे काम करनेवाले जीवन रक्षकों को शिक्षा प्रदान करते हैं।

साढे छः महीने की प्रीगनेंट रक्षक महिला कुछ ही दिन पहले, तेज तूफानी समुद्री बीच पर काम के लिए अपनी छुट्टी समाप्त कर फ्लोरिडा वापस लौटी थी। वहीं तेज रफ्तार में आ रहीं तूफानी लहरों के बीच तैर रही थी। वह बहुत सामान्य तौरपर आराम से तैर रही थी। उसने काले रंग का स्वीमींग सूट पहन रखा था। उसके सिर पर पिली टोपी थी। उसने ज्वेलरी और काला चश्मा पहन रखा था। गले में कुछ गोल-सा जेवर पहन रखा था। पानी के अंदर का दृश्य केवल 2 फिट यानी 60 सेंटीमीटर तक ही अंदर धुंधलेपन के साथ दिखाई दे रहा था। उसी समय उसने चार से पाँच फिट के गहरे समंदर में डूबकी लगाई। उस क्षेत्र में चार या पाँच फिट पानी था। उसने वहाँ तैरना शुरू किया। उस वक्त उसे ऐसा महसूस हुआ कि उसे किसीने बहुत जोर से पानी में धक्का दिया और वह उसके आगे-पीछे घूमने लगा। वह पानी में अपना रास्ता भटक गई। शार्क ने उसके हाथ और पैर को बूरी तरह से काटा था। उसके आसपास का पानी लाल होता दिखाई दिया। वह रोने लगी, परंतु उस वक्त उसका साथी उसकी आवाज नहीं सुन पा रहा था, गहरे समुंद्र के दबाव की वजह से उसकी रोने की ध्वनि पानी में  दब-सी गई थी। इस वजह से तूफानी समुंद्र के पानी से उसे संघर्ष करते हुए अकेले ही बाहर आना पङा। उस वक्त शार्क वापस नहीं लौटा था, क्योंकि उसके मांस का स्वाद वापस लेने के लिए फिर लौटा था। यह उस एक मॉन्सटर जीव की,  एक सामान्य प्रतिक्रिया है। इलाज में पता चला कि  उसके पैरों में 100 स्टीचेस आए।  उसके हाथों की कई बार सर्जरी हुई। यहाँ तक कि उसके हाथ की चिकित्सीय थिरेपी भी की गई।

इस माँ के द्वारा यह महत्त्वपूर्ण सीख और चेतावनी उन नए शोधकर्ता व जीवनरक्षकों के लिए कार्यरत हैं। पानी के अंदर का दृश्य यदि पूरी तरह स्पष्ट न हो, तो उसमें तैरने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।