गणतंत्र दिवस का महत्व
हम भारतीय त्योहारों को न भूले, जैसे धूम - धाम से मनाते हैं, वैसे हि हमे अपने भारतीय दिनों गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस को भी न भूले, उसका महत्व समझे बड़ी धूम - धाम से मनाना चाहिए । २०२१ साल में हम ७२ वा गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। यह हम सबके लिए बहुत आनंददायी बाब है। भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास काफी रोचक है; और आप जितना इस इतिहास को जानने की कोशिश करेंगे, उतनी आपको और जानकारी प्राप्त करने की उत्सुकता होगी। हर वर्ष २६ जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता हैं । इसकी शुरुआत २६ जनवरी १९३० को हुई थी, क्योंकि वह ऐतिहासिक दिन था। अब हम जानकारी लेते है गणतंत्र दिवस के महत्व के बारे में आखिर क्या महत्व है इस दिन का ।
२६ जनवरी के दिन मनाया जाने वाला हमारा यह गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे अंदर आत्मगौरव भरने का कार्य करता है। तथा हमे पूर्ण स्वतंत्रता की अनुभूति करता है यही कारण है कि इस दिन को पूरे देश भर मे इतने धूम - धाम के साथ मनाया जाता है । गणतंत्र दिवस का यह पर्व सबके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वह दिन है जो हमे हमारे संविधान का महत्व समझता है। भले ही हमारा देश १५ अगस्त १९४७ को स्वतंत्र हो गया था, परंतु इसे पूर्ण रूप से स्वतंत्रता की प्राप्ति २६ जनवरी १९५० को मिली क्योंकि यह वह दिन था। जब हमारे देश का संविधान प्रभावी हुआ और हमारा देश विश्व पटल पर एक गणतांत्रिक देश के रूप में स्थापित हुआ। आज के समय यदि हम स्वतंत्र रूप से कोई भी फैसला ले सकते हैं या फिर किसी प्रकार के दुर्व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं; तो ऐसा सिर्फ हमारे देश के संविधान और गणतांत्रिक स्वरूप के कारण संभव है । तो यहीं कारण है कि हमारे देश मे गणतंत्र दिवस को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है ।
अब हम जानकारी लेते है कि इस महत्वपूर्ण दिन को देश में कैसे मनाया जाता है। २६ जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता है और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गया जाता है। फिर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को सलामी दिया जाता है । गणतंत्र दिवस को पूरे देश मे विशेष रूप से भारत की राजधानी दिल्ली में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है । इस अवसर के महत्व को और महत्वपूर्ण बनाने लिए हर साल एक भव्य परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन ( राष्ट्रपति निवास ) तक राजपथ पर राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। इस भव्य परेड मे भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना , नौसेना आदि भग लेते है। इस समारोह के भाग लेने के किए देश के सभी हिस्सों से विभिन्न विद्यालयों से बच्चे आते है, और इस समारोह में भाग लेना एक सम्मान की बात होती है ।
परेड में विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी होती हैं, प्रदर्शनी में हर राज्य के लोगों को विशेषता, उनके लोकगीत व कला का दृश्यचित्र प्रस्तुत किया जाता है। हर प्रदर्शनी भारत की विविधता व सांस्कृतिक समृद्धि प्रदर्शित करती है। भारत के ७२ वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर, महाराष्ट्र सरकार के प्रोटोकॉल विभाग ने पहली बार मुंबई के मरीन ड्राइव पर परेड आयोजित की थी ।