प्रवासी मजदूरों के लिए खास घोषणाएं
मार्च में पूरे देशभर कोरोना वायरस के वजह से देशभर लॉकडाउन ऐलान किया। तब सभी कंपनियां, एयर लाइन्स, दुकानों सहित पूरा देश बंद हुआ। ग्रामीण वस्ती में सभी सुविधा न होने और नौकरी न होने के कारण वहां के कुछ लोग नौकरी ढूंढने शहर आते हैं और यही रह जाते हैं। क्योंकि यही एक सहारा उनके पास रहता हैं। परंतु कोरोना लॉकडाउन के वजह से मजदूरों की कई कठिनाइयों को सामना करना पड़ा। पूरा देश बंद रहने के कारण उन्हें भी अपने गांव जाने की घड़ी आयी थी। मजदूरों का जीवन एक - एक दिन पर तत्पर रहता हैं। उनके पास इतने पैसे और अनाज भी नहीं था कि वे पूरा उसके जरिए पूरे लॉकडाउन तक उसका उपयोग कर सकते थें। इसलिए जबसे सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा की, तो ट्रेनों, बसों के द्वारा मजदूरों ने अपने गांव गाट्ठ लिए। कई लोग पैदल और कई अपने साइकलों के सहायता से निकाल पड़े थे। बॉलीवुड के अभिनेते सोनू सूद ने मजदूरों के किए खास बसों की सुविधा की थी के है उसके जरिए अच्छे से अपने मुल्क का सके। और यह बात सच हैं; की मजदूरों को लॉकडाउन के समय कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। और शहरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव वापस चले गए थे। परंतु लॉकडाउन खुलने के बाद कई प्रवासी मजदूर शहर वापस लौटे, लेकिन किन्होंको अपनी नौकरी वापस मिली तो किन्होंको नहीं। कई प्रवासी मजदूर अभी भी अपने गांव में फंस चुके हैं। और आप जानते ही हो को गांव में खेती के अलावा ज्यादा काम और नौकरी न होने के कारण वे शहर में नौकरी करने तत्पर रहते हैं। बजट सत्र 21021 - 2022 सें मजदूरों को कई उम्मीदे थी। की उनके किए भी कोई एक अच्छा निर्णय लिया जाए। ताकि ऐसे दिन उन्हें फिर से न देखने मिले।
लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों की हालत देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान है प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से प्रवासी मजदूरों को 80 करोड़ का फायदा हुआ। और यह भी नहीं तो उन्हें आत्मनिर्भर पैकेज भी दिए, जिसके जरिए उन्हें 27.1 लाख करोड़ रुपए मिले। ऐसी योजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लॉकडाउन के दौरान शुरू की; जिसका प्रवासी मजदूरों को फायदा हुआ।
बजट सत्र 2021 - 2022 में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के हालात और परेशानियों को देखकर कई अच्छे निर्णय उन्होंने लिए हैं। और गांव और ग्रामीण लोगों के विकास के किए भी उन्होंने कई अहम घोषणाएं की। प्रवासी मजदूरों के लिए अभ एक पोर्टल शुरू होने वाले हैं; जिसमे मजदूरों के बारे में उनकी पूरी जानकारी होगी। इसमें कई मजदूर वर्गों का समावेश हैं - बिल्डिंग के मजदूर, मैन्युफैक्चरिंग के मजदूर और अन्य। इस सभी मजदूरों की उनकी पूरी जानकारी एक पोर्टल में सुरक्षित रहेगी। बजट सत्र में महिला मजदूरों के लिए भी घोषणा की गई; के वे हर कैटेगरी में काम कर सकती है; यदि दिन ही या रात जब चाहे तब वह काम शिफ्ट नुसार काम कर सकती हैं। और मजदूरों के लिए लेबर कोड की योजना भी की गई। और इसके अलावा एक देश एक राशन कार्ड स्कीम चालू होने की घोषणा की। अभी तक 32 राज्यों में यह स्कीम लागू करने की प्रक्रिया जारी हैं। इसके गरीबों को मदद मिल सकती हैं। बजट सत्र में और एक योजना के बारे में घोषणा हुई। वह घोषणा पीएम् स्वामित्व योजना मुख्य हेतु हैं की; इसके जरिए लोगों को गांव में उनकी जमीन का पट्टा दिया जाएगा। और अबतक 1241 गांव में लोगों को पट्टे दिए जा चुके हैं। और इससे गरीबों के पास जो जमीन हैं, उसका उन्हें पुख्ता प्रमाण मिल जाने वाला हैं। इस आर्टिकल में हमने देखा कि लॉकडाउन में मजदूर प्रवासी को हुए परेशानियों को देखते बजट सत्र में मजदूर प्रवासियों के लिए कई अच्छी घोषणाएं दी गई। ताकि उन्हें कौन - सी नहीं परेशानियों तथा कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े।