18 मई को सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

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18 मई को सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट

बद्रीनाथ धाम के कपाट 18 मई की सुबह 4 बज कर 15 मिनट पर दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। वही गाडू घड़ा यात्रा 29 अप्रैल को सुनिश्चित की गई है।
टिहरी नरेश और महारानी की मौजूदगी में नरेंद्रनगर राजदरबार में श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने और महाभिषेक के लिए तिलों का तेल निकालने की तिथि घोषित की गई।।इस दिन सभी धार्मिक अनुष्ठानों और वदिक मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी पूजा करेंगे।

इसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च को शिवरात्रि के दिन तय की जाएगी जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं | गौरतलब है की 19 नवंबर को सर्दियों के चलते बद्रीनाथ मंदिर को बंद कर दिया गया था। यहां आकर लोग चार धाम के यात्रा का समापन करते हैं।

इस चार धाम की यात्रा को गढ़वाल क्षेत्र में आय का एक प्रमुख स्त्रोत माना जाता है, जिसकी शुरुआत हर साल अप्रैल-मई से होती है और समापन अक्टूबर-नवंबर को होता है| पिछले साल 19 नवबंर को बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के बंद किए गए थे। अभी कपाट बंद हैं। मान्यता है कि शीतकाल में नारद मुनि बद्रीनाथ की पूजा करते हैं। कपाट खुलने के बाद यहां नर यानी रावल पूजा करते हैं और बंद होने पर नारदजी पूजा करते हैं। यहां लीलाढुंगी नाम की एक जगह है। यहां नारदजी का मंदिर है। कपाट बंद होने के बाद बद्रीनाथ में पूजा का प्रभार नारदमुनि का रहता है।