रुपया मजबूत हुआ, आरबीआई का हस्तक्षेप डॉलर के उछाल का असर कम किया
भारतीय रिजर्व बैंक की पहल से रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत, नया रिकॉर्ड स्तर छूकर पीछे हटा
भारतीय रुपया हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपनी सबसे कमजोर स्थिति से उबरता हुआ दिखाई दिया, जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की सक्रिय भूमिका ने अहम भूमिका निभाई। 22 नवंबर, 2024 को, रुपया अपने सबसे निचले स्तर से हटकर मजबूत होकर बंद हुआ, जिससे विदेशी मुद्रा बाजार में कुछ राहत मिली।
रुपये की स्थिति: रुपया अपने सबसे निचले स्तर 84.5075 से उबरकर 84.4450 पर बंद हुआ, जो दिन भर के कारोबार में 0.06% की वृद्धि को दर्शाता है। हालांकि, सप्ताह-दर-सप्ताह आधार पर, रुपया मामूली तौर पर कमजोर रहा।
आरबीआई का हस्तक्षेप: आरबीआई के हस्तक्षेप ने रुपये को डॉलर के मुकाबले और कमजोर होने से बचाया। डॉलर का मूल्य दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था, जिससे भारतीय मुद्रा पर दबाव बढ़ा। आरबीआई ने डॉलर की बिक्री करके और कुछ बैंकों को सट्टेबाजी की शर्तों को कम करने के निर्देश देकर रुपये की स्थिति को संभाला।
अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य: डॉलर की मजबूती का कारण यूरो और ब्रिटिश पाउंड की कमजोरी रही, जो जर्मनी और यूके की कमजोर आर्थिक डेटा से प्रभावित हुई। इसके अलावा, अमेरिका में राष्ट्रपति-चुनाव की नीतियों से मुद्रास्फीति में वृद्धि की संभावना और फेडरल रिजर्व की भविष्य की दर कटौती पर प्रभाव की चिंताएं भी डॉलर को मजबूत कर रही हैं।