चमोली हादसा: तपोवन टनल में पानी का बहाव बढ़
उत्तराखंड के चमोली में सात फरवरी को आए सैलाब में सबकुछ तबाह हो गया है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। वही 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं। अभी भी लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। लेकिन इस दौरान नदी का बहाव आज तेज़ हो गया जिसके बाद राहत का काम अब रोक दिया गया।
वही रैणी क्षेत्र में भी अलकनंदा नदी में पानी का बहाव काफी बढ़ गया है। तो दूसरी तरफ बचाव कार्य में लगी मशीनों और कर्मियों को फिलहाल वापस बुला लिया गया है। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि मलबा हटाने और सुरंग से लोगों को निकालने के लिए ड्रिल किया जा रहा था, लेकिन मशीन के टूटने के कारण काम अब बीच मे ही बंद कर दिया गया। हालांकि यह भी सूचना आ रही है कि अब मशीन को ठीक कर लिया गया है।
बता दें कि एसडीआरएफ की आठ टीमों सहित कई और टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुईं हैं। बचाव रैणी गांव से लेकर श्रीनगर तक किया जा रहा है। अलकनंदा के तटों पर बायनाकुलर से भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है।
गौरतलब है की उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य खुद चमोली जिले के तपोवन सुरंग में चल रहे बचाव अभियान का जायजा लेने पहुंचीं। राज्यपाल ने इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात कर रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली। इससे पहले सीएम रावत ने आपदा प्रबंधन सचिव को अज्ञात शवों के DNA रिकार्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।