उत्तराखंड में जोर पकड़ रही भू-कानून की मांग

चुनावी साल में पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भू-कानून की मांग जोर पकड़ने लगी है, स्थानीय युवा इसे लेकर जोर-शोर से प्रदर्शन और ट्विटर कैंपेन लगातार जारी रखे हुए हैं, यदा-कदा कुछ नेताओं का समर्थन में बयान भी आता है, लेकिन सरकार अभी भी इस मुद्दे से दूरी बनाए हुई है।  
 | 
Uttarakhand Bhu-kanoon pradarshan

उत्तराखंड में युवाओं द्वारा भू कानून के लिए विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन

पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भू-कानून की मांग जोर पकड़ने लगी है, स्थानीय युवा इसे लेकर जोर-शोर से प्रदर्शन और ट्विटर कैंपेन लगातार जारी रखे हुए हैं, यदा-कदा कुछ नेताओं का समर्थन में बयान भी आता है, लेकिन सरकार अभी भी इस मुद्दे से दुरी बनाये हुई है।  सोमवार २३ अगस्त से शुरू हुए मानसून विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को लेकर सदन में बहस की संभावनाएं थी, लेकिन ३ दिन का सत्र बीत जाने के बावजूद अभी तक सरकार ने इस सन्दर्भ में किसी भी बहस के लिए रूचि नहीं दिखाई है। उधर प्रदेश के कुछ युवा संगठन और उत्तराखंड क्रांति दल के कुछ नौजवान नेता इस मुद्दे को लेकर सरकार पर विधानसभा में बहस के लिए दबाव बनाने हेतु विधानसभा घेराव जैसे प्रदर्शन भी लगातार जारी रखे हुए हैं। ट्विटर के माध्यम से भी युवा लगातार अपनी आवाज़ को सरकार तक पहुंचने का प्रयास कर हैं। प्रदेश में 2022  चुनावी वर्ष होगा ऐसे में विपक्ष युवाओं की भारी तादाद में भू कानून को मिलते समर्थन को भुनाने का पूरा प्रयास करेगा। लेकिन सरकार अभी तक इस मुद्दे पर एक समिति बनाने की घोषणा करने के अलावा पूरी तरह दूरी बनाये हुए है। देखने वाली बात होगी कि सरकार किस तरीके से इस मुद्दे को आगे बढाती है और विपक्षी दल क्या रणनीति बनाते हैं। कुल मिलकर भू-कानून के साथ युवाओं का जुड़ाव और भाजपा की अनदेखी उन्हें भारी पड़ सकती है जब कि कांग्रेस, उक्रांद और प्रदेश में नयी-नवेली आप इसका फायदा जरूर उठाना चाहेंगे।  विधानसभा चुनावों में भू-कानून बड़ा मुद्दा होगा।