आइस वोल्कैनो से खौलता पानी बाहर आते ही बर्फ में हो जाता है तब्दील

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आइस वोल्कैनो से खौलता पानी बाहर आते ही बर्फ में हो जाता है तब्दील

दुनिया में ईश्वर ने बहुत ही नायाब चीजें बनाई हैं. जिसे देखकर हम सोचते है किं कुदरत की चीजें कितनी प्यारी है. जी हां ऐसा ही अद्भुत नज़ारा देखने को मिला है कजाखस्तान के अल्माटी प्रांत में, जहां रहस्यमय ढंग से 45 फीट ऊंचा बर्फ का टीला उभर आया है. इसे बर्फ का ज्वालामुखी (आइस वोल्कैनो) कहा जा रहा है. केगन और शरगानक के गांवों के बीच बर्फ से ढके मैदानों में उभरे इस टीले से लगातार पानी निकल रहा है, जो बर्फ में तब्दील हो रहा है. इस कारण इसकी ऊंचाई बढ़ रही है.

गरअसल नूर सुल्तान (पूर्व में अस्ताना) से चार घंटे की दूरी पर मौजूद इस प्राकृतिक अजूबे को देखने के लिए जमा देने वाली सर्दी में भी सैकड़ों पर्यटक आ रहे हैं. बीते साल अमेरिकी लेक मिशीगन में भी ऐसी ही आकृति उभरी थी, लेकिन वो इंसानी कद जितनी थी. पहला मौका है, जब यह टीला इतनी ऊंचाई तक पहुंचा।

गौरतलब है कि, बर्फ के ज्वालामुखी बर्फ की चट्‌टानों के किनारे जमीन में हलचल के कारण बनते हैं. इसके लिए ज्वालामुखी जैसी स्थितियां भी चाहिए जैसे, कम तापमान और तीन फीट तक बर्फ जमा हो. धरती में हलचल से गर्म पानी जब सतह पर फव्वारे की शक्ल में आता है, तो सर्द हवा से जम जाता है. लावा निकलने जैसी प्रक्रिया जारी रहने, बर्फ में बदलकर आसपास जमा होने से यह ज्वालामुखी बना है.