जबलपुर में दलित बच्चों की बेरहमी से पिटाई: कुएं से पानी पीने पर जातिवादी हमला

हम सब एक हैं' कहने वाले कहां गायब हो गए?
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  • जबलपुर में दलित समुदाय के 5 बच्चों पर कुएं से पानी पीने के कारण हमला।

  • बच्चों को रस्सी से बांधकर पीटा गया, उन्हें गंभीर चोटें आईं।

  • जातिवादी हमलों के बढ़ते मामलों से समाज में उठ रहे सवाल।

  • सोशल मीडिया पर 'हम सब एक हैं' के दावों पर सवालिया निशान।

मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां दलित समुदाय के पांच बच्चों को सार्वजनिक कुएं से पानी पीने के कारण जातिवादी आतंक का सामना करना पड़ा। घटना के अनुसार, इन बच्चों को रस्सी से बांधकर बेरहमी से पीटा गया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गंभीर चोटें आईं और वे अधमरी स्थिति तक पहुंच गए। यह घटना जातिवादी मानसिकता की निंदनीय वापसी को दर्शाती है, जिसके खिलाफ समाज ने लंबे समय से लड़ाई लड़ी है।

इस घटना ने "हम सब एक हैं" के नारे को प्रश्नचिन्हित कर दिया है, जिसे अक्सर समाज में एकता और भाईचारे के लिए दोहराया जाता रहा है। जबलपुर में घटित यह हमला यह दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर जातिवाद और भेदभाव की जड़ें अभी भी कितनी गहरी हैं। सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर व्यापक आक्रोश देखने को मिल रहा है, जहां लोग इस तरह की घटनाओं की निंदा कर रहे हैं और जातिवाद से मुक्त समाज के निर्माण की मांग कर रहे हैं। 


पीड़ित बच्चों के परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, और उन्होंने न्याय की मांग की है। मध्यप्रदेश पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या हम वास्तव में सामाजिक समरसता की बात कर सकते हैं जब ऐसी हिंसा अभी भी हो रही हो।

यह घटना जातिवादी विचारधारा के खिलाफ लड़ाई में एक कड़वी याद दिलाती है कि कितनी दूर हम अभी भी हैं। बच्चों के साथ हुई इस बर्बरता ने न केवल जातिवाद की सच्चाई उजागर की है बल्कि यह भी दिखाया है कि किस तरह से समाज में एकता की बातें खोखली साबित हो रही हैं जब वास्तविकता में बच्चों को उनके जन्म के आधार पर ही सजा दी जा रही हो।