कृषि कानून से किसान मजबूत बनेंगे

“किसानों के लिए समर्पित है सरकार, कृषि कानून से मजबूत बनेंगे किसान।”
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कृषि कानून से किसान मजबूत बनेंगे
किसान को अच्छे मूल्य मिल जाए उसी के अनुसार वे अपना उत्पाद बेच सकते हैं।

सूत्रों के हवाले से खबर है कि 2020-2021 के कृषि कानून में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में संशोधन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि “किसानों के लिए समर्पित है सरकार, कृषि कानून से मजबूत बनेंगे किसान।”संसद में किसानों के लिए तीन कानून बनाएं गए है- कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण विधेयक, 2020)। संशोधन हमेशा किसान और जनता के हित में ही होता है। ये जरूरी नहीं है कि हर संशोधन जनसामान्य के विपरीत हो।

  1. पहला कानून एक देश और एक बाजार से संबंधित है। किसान अपनी उपज देश के किसी भी क्षेत्र में जाकर बेच सकता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार ने तय कर रखा है। एक किसान देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की आजादी है। सरकार का कहना है कि वह किसान की उत्पाद को बेचने के लिए विकल्प बढा रही है। इस कानून के जरिए अब एमपीएमसी मंडियों के बाहर भी उत्पाद को उँचे दामों पर बेचा जा सकता है। प्राईव्हेट कंपनियों से बेहतर दाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
  2. दूसरा कानून है-“कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 ”  इस कानून के तहत वह किसानों और प्राइव्हेट कंपनियों के बीच में समझौतेवाली खेती का रास्ता खोल रही है। इसे सामान्य तौर पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मेसी भी कह सकते हैं।
  3. तीसरा कानून है – “आवश्यक वस्तु शंशोधन विधेयक, 2020” इसके तहत कृषि उपज जुटाने की कोई सीमा नहीं होगी।   

यह कृषि कानून किसान के हित में जारी नया संशोधन है, जिनका समझदारी अनुसरण करें, तो ये किसानों के हित में है। अनाज, दलहन, तिलहन, आलू, प्याज में खूली छूट दी गई है। किसान को अच्छे मूल्य मिल जाए उसी के अनुसार वे अपना उत्पाद बेच सकते हैं। इस संशोधान में जो भी बदलाव हुए हैं किसान के हित में है। नीति आयोग का मानना है कि आंदोलित किसान इस कृषि कानून के समझ नहीं पा रहे हैं।