हाई अलर्ट: गंगा किनारे बढ़ी सतर्कता
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से बहुत ही नुकसान लोगो को उठाना पड़ा है. कितने तो उफनती नदी में बह कर चले गए हैं. वहीं चमोली जिले के रैणी गांव में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदीं में गिरने की घटना के बाद से ही एक हजार किलोमीटर दूर इलाहाबाद तक गंगा किनारे के इलाकों में हाई अलर्ट किया गया है. जबकि गंगा किनारे के अधिकांश जगह खाली करा लिए गए हैं.
दरअसल उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुई त्रासदी को देखते हुए यूपी में गंगा किनारे स्थित 11 मंडलों और 27 जिलों को हाईअलर्ट कर दिया गया है. इन जिलों के डीएम और वरिष्ठ पुलिस अफसरों को लगातार निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अलकनंदा गंगा की सहायक नदी है. उसका जलस्तर बढ़ने से गंगा का जलस्तर भी बढ़ सकता है इसलिए प्रदेश में गंगा नदी के करीब एक हजार किमी तटीय इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है. गंगा के प्रवाह को नरोड़ा और बिजनौर के दो बैराजों पर संभालने की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने 11 मंडलायुक्तों और 27 जिलों के डीएम को पत्र लिखकर संभावित बाढ़ की स्थिति से सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं.
मंडल की बात करें तो मुरादाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बरेली, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और आजमगढ़ है.
गंगा से जुड़े जिले की बात करें तो बिजनौर, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, संभल, मेरठ,, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, कासगंज, बदायूं, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कन्नोज, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, रायबरेली, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और चंदौली है.