प्रधानमंत्री मोदी का संसद में संविधान पर भाषण: 14 दिसंबर 2024

कांग्रेस पर आरोपों की बौछार, भारत के भविष्य पर चुप्पी
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  • पीएम मोदी ने कांग्रेस को संविधान के प्रति असम्मान दिखाने का दोषी ठहराया।

  • संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर भाषण, लेकिन भारत के भविष्य पर कोई विस्तृत चर्चा नहीं।

  • समाज के विकास और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर जोर दिया गया।

14 दिसंबर 2024 को, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर एक महत्वपूर्ण भाषण दिया। भाषण की अवधि एक घंटे से अधिक थी, लेकिन इसे अधिकांशतः कांग्रेस पर आरोपों की बौछार के रूप में याद किया जायेगा। मोदी जी ने कांग्रेस की पिछली सरकारों को संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का दोषी ठहराया, खासकर आपातकाल के दौरान किये गए संशोधनों का जिक्र करते हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया है, जबकि उनकी सरकार ने संविधान की मूल भावना के अनुरूप काम किया है।

संविधान पर प्रमुख बिंदु:

  • संविधान का सम्मान: पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार ने संविधान का सम्मान किया है और उसके मूल्यों का पालन किया है। उन्होंने संविधान को देश की एकता और अखंडता का आधार बताया।

  • कांग्रेस की आलोचना: उन्होंने कांग्रेस की आलोचना की कि उन्होंने संविधान को अपने स्वार्थ के लिए उपयोग किया है, जैसे कि आपातकाल के दौरान या धारा 370 के साथ छेड़छाड़ करना।
  • संविधान की शक्ति: मोदी ने संविधान की शक्ति की प्रशंसा की और कहा कि यह देश को एकजुट करने का माध्यम रहा है।

भारत के भविष्य पर चूके हुए मुद्दे:

  • विकास की दिशा: जबकि मोदी जी ने 'विकसित भारत' के सपने का जिक्र किया, वे विशेष रूप से भारत के भविष्य के लिए कौन सी नीतियां या योजनाएं लेकर आ रहे हैं, इस पर विस्तार से बात नहीं की गई।

  • सामाजिक और आर्थिक मुद्दे: जैसे कि बेरोजगारी, महंगाई, स्वास्थ्य सेवा, या शिक्षा के सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात नहीं हुई।

  • विश्व में भारत की भूमिका: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के बढ़ते प्रभाव या वैश्विक चुनौतियों के प्रति भारत की रणनीति पर भी चर्चा नहीं हुई।

भविष्य के लिए प्रस्ताव:

पीएम मोदी ने भविष्य के लिए 11 प्रस्ताव रखे, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • कर्तव्यों का पालन: नागरिकों और सरकारी अधिकारियों के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना।

  • समाज का विकास: सबका साथ, सबका विकास का मंत्र।

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ: भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस।

  • महिला नेतृत्व: महिलाओं के नेतृत्व से देश का विकास।

हालांकि, इन प्रस्तावों पर विस्तृत चर्चा की कमी थी, जिससे भारत के भविष्य के विषय में अपेक्षित गहनता नहीं मिल पाई।