मानहानि मामले में प्रिया रमानी बरी, एमजे अकबर की याचिका खारिज
मानहानि केस में राउज़ एवेन्यू कोर्ट से पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को झटका लगा है| कोर्ट ने उनकी आपराधिक मानहानि की याचिका को खारिज़ कर दिया है| प्रिया रमानी को कोर्ट ने आपराधिक मानहानि का दोषी नहीं माना| बता दें कि साल 2018 में मीटू अभियान के दौरान पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) के खिलाफ शोषण का आरोप लगाया था| इस मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था| कोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि यौन शोषण की शिकायतें करने के लिए मैकेनिज़्म की कमी है| शोषण की शिकार अधिकतर महिलाएं कलंक लगने और चरित्रहनन के डर से अक्सर आवाज़ भी नहीं उठा पाती हैं|
करीब सवा दो साल तक चले मामले के बाद कोर्ट ने रमानी को बरी कर दिया| कोर्ट ने माना कि रमानी ने जो ट्वीट किए थे उससे अकबर की मानहानि नहीं हुई| बता दें कि रमानी 'मी टू मूवमेंट' के दौरान अकबर पर कई सवाल खड़े किए थे| अकबर की तरफ से रमानी पर लगाए गए आरोप सिद्ध हो जाते, तो उन्हें 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते थे|
अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी| अपनी शिकायत में उन्होंने कहा था कि रमानी ने दशकों पहले यौन दुर्व्यव्हार के झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया है| उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से 17 अक्टूबर 2018 को इस्तीफा दे दिया था| अकबर ने मीटू कैंपेन के दौरान उनके खिलाफ खड़ी हुईं सभी महिलाओं के आरोपों को खारिज किया था|