वैक्सीनेशन संकट जल्द होगा खत्म, जुलाई से देश में ही होगा रूस की स्पूतनिक-वी का उत्पादन

भारत बायोटैक की तकनीक इन निर्माताओं को हस्तांतरित करने को लेकर बातचीत की प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही योग्य निर्माताओं को तकनीक दी जाएगी।

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वैक्सीनेशन संकट जल्द होगा खत्म, जुलाई से देश में ही होगा रूस की स्पूतनिक-वी का उत्पादन

कोरोना की भयावह दूसरी लहर को देखते हुए टीकाकरण की प्रक्रिया अब और तेज़ हो गई है। हर कोई अपनी सुरक्षा के लिए टीका लगवाना चाहता है, नतीजन टीके का उत्पादन देश में काफी कम है। भारत देश में फिलहाल दो निर्मित टीके लगाए जा रहे हैं, आयातित स्पूतनिक वी टीके को भी जल्द कार्यक्रम में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

साथ ही कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के क्षमतावान टीका निर्माताओं की पहचान की गई है। अब भारत बायोटैक की तकनीक इन निर्माताओं को हस्तांतरित करने को लेकर बातचीत की प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही योग्य निर्माताओं को तकनीक दी जाएगी।

स्पूतनिक-वी टीका देश में पहुंचना शुरू हो चुका है। एक खेप भारत आ भी चुकी है। जल्द ही इसे भी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लगाना शुरू किया जाएगा। इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक़ भारत पहुंचेंगी।

साथ ही देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए रेड्डी लेबोरेटरी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। इनमें हेटेरो बॉयोफॉर्मा, विरचोव बॉयोटैक, स्टेलिस बॉयोफॉर्मा, ग्लैंड बॉयोफॉर्मा तथा पैनीशिया बॉयोटैक शामिल हैं।  कोशिश है कि जुलाई से देश में निर्मित स्पूतनिक वी वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी।