ऑस्ट्रेलिया के साथ 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत ने अफगानिस्तान में बनी तालिबान सरकार के बारे में क्या कहा?

9 /11 के आतंकी हमले की 20 वीं बरसी पर आखिर क्यों नहीं कर पाया तालिबान अपनी अंतरिम सरकार का उद्धघाटन
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अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार के गठन के बाद पहली बार भारत की ओर से आधिकारिक रूप से तालिबान सरकार पर बयान आया। ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने और रक्षा मंत्री पीटर डटन के साथ 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की नई व्यवस्था में समावेशिता के बारे में चिंतित था। जयशंकर की टिप्पणी भारत और ऑस्ट्रेलिया की 'टू-प्लस-टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद एक प्रेस कार्यक्रम के दौरान आई। जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्षों मारिस पायने और पीटर डटन के साथ बातचीत की।
दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि अफगानिस्तान की स्थिति एक केंद्रीय चिंता का विषय है, जबकि स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित इंडो-पैसिफिक के साथ-साथ पूर्वी और दक्षिण चीन सागर पर भी विचार साझा किया गया।
नई तालिबान सरकार में समावेशिता पर भारत के बयान का पायने ने समर्थन करते हुए उसने कहा कि ऑस्ट्रेलिया भी अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति के बारे में चिंतित है। इसके अलावा, अफगानिस्तान को "आतंकवादी समूहों के लिए प्रजनन स्थल" नहीं बनता देख सकते हैं। 
7 सितंबर को घोषित तालिबान की अंतरिम सरकार का उद्घाटन शनिवार को अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमलों की 20वीं बरसी पर करने की तैयारी थी। हालांकि, सैन्य समूह के दोहा समकक्षों के दबाव के कारण अंतिम समय में समारोह को रद्द कर दिया गया। क्रेडिट ट्विटर