भारत को मिला आत्मनिर्भरता का एक नया क्षण: गगनयान मिशन के लिए ISRO ने वातावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (ECLSS) को विकसित करने का निर्णय लिया

ISRO ने अन्य देशों से प्राप्त करने में असफल होने के बाद, गगनयान मिशन के लिए ECLSS विकसित करने का निर्णय किया
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  • ISRO ने Gaganyaan मिशन के लिए ECLSS को विकसित करने का निर्णय लिया है
  • यह भारत को आत्मनिर्भर बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण कदम है
  • Gaganyaan मिशन का आयोजन 2025 में होने की उम्मीद है

पनजी, 13 दिसम्बर : आपके लिए यहां एक नई रोशनी का क्षण है! भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बुधवार को बताया कि अन्य देशों से इसे प्राप्त करने में असफल होने के बाद, उसने गगनयान मिशन के लिए पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली (ECLSS) को स्वदेश में विकसित करने का निर्णय लिया है।

Gaganyaan मिशन का लक्ष्य है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना, एक मानव दल को 400 किमी के मानव यात्रा के लिए आकाशगंगा में भेजकर उन्हें भारतीय समुद्र जल में सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसकी उम्मीद है कि इसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा।

सोमनाथ ने कहा, "हमें पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली विकसित करने में कोई अनुभव नहीं है। हम सिर्फ रॉकेट्स और सैटेलाइट्स का डिज़ाइन कर रहे थे। हमने सोचा कि यह ज्ञान अन्य देशों से आएगा, लेकिन दुखदर्भाव से बाद, खासकर इतनी चर्चा के बाद, कोई हमें यह नहीं देने को तैयार नहीं है।"

यह निर्णय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्वावलंबीता की प्रमाणिती का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे भारत अपनी उच्चतम स्वतंत्रता को बनाए रख सकता है और गगनयान मिशन को सफलता से पूरा कर सकता है।