जानिए गेहूं के औषधीय गुणों को

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medicinal properties of wheat

   हमारे दैनिक आहार में गेहूं के बनाए हुए पदार्थ हमेशा रहते है। गेहूं की रोटी बनती है जिसे आप सभी रोज़ खाते होंगे। गेहूं से कई और भी तरह के स्वादिष्ट, खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। आज इस लेख द्वारा हम आप सभी को गेहूं के बारे में एक अलग जानकारी देने वाले है, जिसका आपको अंदाज़ा तक नहीं होगा। 

 

   आपके लिए यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि गेहूं हर घर में होता है। आप भी गेहूं के औषधीय प्रयोग की जानकारी ले लीजिए, ताकि बीमार होने की स्थिति में रोगों को ठीक करने में गेहूं का पूरी तरह इस्तेमाल कर सके। 

 

   खांसी - 20 ग्राम गेहूं के दानों में नमक मिलाकर 250 ग्राम पानी में उबाल लें। जब तक पानी की मात्रा एक तिहाई न हो जाए। अब इस पानी को गर्मागर्म पिएं। एक सप्ताह तक यह प्रयोग करने से बार-बार आती खांसी जल्दी ठीक हो जाती है।

 

 याददाश्त - गेहूँ के बीज में चीनी और बादाम मिलाकर पीने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। साथ ही यह मानसिक कमज़ोरी को दूर करने में बेहद उपयोगी साबित होता है।

 

खुजली - त्वचा की जलन, खुजली, जलन आदि पर गेहूं का आटा लगाने से ठंडक मिलती है। इसके अलावा यदि किसी जहरीले कीट नेेकाटट लिया हो, तो गेहूं के आटे में सिरका मिलाकर ग्रसित जगह पर लगाने से लाभ होता है।

 

 पथरी - पथरी होने पर गेहूं और चने को पानी में उबालकर कुछ दिनों तक रोगी को पिलाएं। ऐसा करने से मूत्राशय और गुर्दे की पथरी बाहर गिरती है।

 

हड्डी टूटना - ऐसे में तवे पर गेहूं के कुछ दाने सेंकना। इसमें शहद मिलाकर कुछ दिनों तक चाटने के बाद आराम मिलता हैं।

 

छाती में दर्द होने पर - छाती में दर्द होने पर गेहूं की चोकर को पीस लें। इसे पानी में मिलाकर हल्का गुनगुना करके छाती पर लेप करें। छाती का दर्द जल्द शांत होता है।