मानसून में खुद को बिमारियों से बचाने के अपनायें ये तरीके

अस्वच्छ वातावरण और जगह-जगह दूषित पानी जमा होने के कारण होता है, जिससे मच्छरों का निवास स्थान बनने के लिए बैक्टीरिया और वायरस पनपते हैं। बारिश का मौसम न केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, बल्कि यह बच्चों के लिए भी परेशानी का कारण बनता है। मच्छरों की संख्या में अधिकता के साथ।
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मुंबई, 14 अगस्त,   मानसून का मौसम स्फूर्तिदायक हो सकता है लेकिन यह कई बीमारियाँ भी लेकर आता है। ऐसा तापमान में अचानक बदलाव, आर्द्रता, अस्वच्छ वातावरण और जगह-जगह दूषित पानी जमा होने के कारण होता है, जिससे मच्छरों का निवास स्थान बनने के लिए बैक्टीरिया और वायरस पनपते हैं। बारिश का मौसम न केवल वयस्कों को प्रभावित करता है, बल्कि यह बच्चों के लिए भी परेशानी का कारण बनता है। मच्छरों की संख्या में अधिकता के साथ। इससे मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, हैजा, पीलिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हाल के दिनों में कंजंक्टिवाइटिस का प्रकोप इसका एक प्रमुख उदाहरण है। यहां कुछ निवारक उपाय दिए गए हैं जिन्हें अपनाकर हम इन बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं और प्रभावित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं।

आस-पास साफ-सफाई रखें

हमारे आस-पास जमा हुआ और दूषित पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन जाता है। स्वच्छता बनाए रखने के लिए व्यक्ति को कचरे का उचित तरीके से निपटान करना चाहिए, आसपास से जमा पानी को हटाना चाहिए और नियमित आधार पर नालियों को साफ करना चाहिए।

व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें

यह ध्यान में रखते हुए कि ये बीमारियाँ अशुद्ध वातावरण से कैसे फैलती हैं, व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण प्रतीत होती है। नियमित रूप से कपड़े धोना, बिस्तर की चादरें बदलना, चीजों को साफ-सुथरा रखना और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा न करना इन समयों के दौरान जरूरी है।

मच्छरों से सुरक्षा

मॉनसून के दौरान मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग जरूरी है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि मच्छरों से सुरक्षा से इन बीमारियों के फैलने का खतरा कम हो जाता है। मच्छरों से खुद को बचाने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनना भी एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है।

खान-पान का ध्यान रखें

इस समय में शरीर के लिए आहार आवश्यक है क्योंकि बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं और यदि आपके शरीर की प्रतिरक्षा मजबूत नहीं है, तो यह बीमारियों का आसान लक्ष्य बन जाता है और लड़ने में विफल रहता है। हमें स्ट्रीट फूड या कच्चा, कच्चा खाना खाने से भी बचना चाहिए क्योंकि यह सुरक्षित साबित नहीं हो सकता है।

डॉक्टरों से सलाह लें

कई मामलों में ये बीमारियाँ तब और बदतर हो जाती हैं जब उनका इलाज ठीक से और पर्याप्त चिकित्सा देखभाल के साथ नहीं किया जाता है। चिकित्सा पेशेवरों के संपर्क में रहना आवश्यक है ताकि यदि आपको कोई कठिनाई हो या कोई लक्षण महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर से परामर्श कर सकें और उचित चिकित्सा सहायता प्राप्त कर सकें।