स्वास्थ्य ही धन है।              

सकारात्मक प्रवृत्तियों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं एवं नकारात्मक प्रवृत्तियों को स्वयं से दूर रखें, सकारात्मक प्रवृत्तियों का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है।
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स्वास्थ्य ही धन है।

स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को व्यायाम, योगासन तथा स्वस्थ दिनचर्या का अभ्यास करना जरूरी है। यदि स्वास्थ्य को हमारा धन माना जाता है,  तो हमें इसकी रक्षा सदैव और स्वयं करनी चाहिए।    

आपका अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाएं रखने के लिए स्वयं पर आत्मविश्वास बनाएं रखना जरूरी है। सकारात्मक प्रवृत्तियों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं एवं नकारात्मक प्रवृत्तियों को स्वयं से दूर रखें, सकारात्मक प्रवृत्तियों का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। हम कभी भी डॉक्टर के पास जाते हैं,  तो वह हमें हमेशा स्वस्थ होने का दिलासा अवश्य देता है, फिर उसके बाद हमारे रोगों का उपचार करता है। यदि आप में सकारात्मक आत्मविश्वास है, तो आधी बीमारी ऐसे ही ठीक हो जाती है। हमारा स्वास्थ्य ही हमारा धन है, क्योंकि स्वस्थ शरीर हमारे स्वस्थ मन, आत्मा और शरीर के हर एक अंग के हर एक भाग को क्रियाशील रखता है। उस वक्त हमारी सकारात्मक प्रवृति सुचारू रूप से कार्य करती है। यदि हमारा स्वास्थ्य सुखमय है, तो हमारी जिंदगी खुशहाल है। तभी तो लोग कहते हैं “स्वस्थ रहो, मस्त रहो, व्यस्त रहो।”  ये हमारे जीवन के तीन मंत्र ही हमारे स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को व्यायाम, योगासन तथा स्वस्थ दिनचर्या का अभ्यास करना जरूरी है। यदि स्वास्थ्य को हमारा धन माना जाता है,  तो हमें इसकी रक्षा सदैव और स्वयं करनी चाहिए।