कोरोना काल में बच्चों का कैसे रखें ध्यान

कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी बहुत प्रभावित हो रहे हैं
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बच्चों ने कोरोनावायरस

कोरोना की दूसरी लहर का कहर सब जगह  देखा जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर खास तौर से युवा वर्ग को प्रभावित कर रही है और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। दिल्ली की जानी-मानी डॉक्टर स्वाति के अनुसार इस वक्त मां बाप को बच्चों को लेकर घबराने की बजाय कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जिससे बच्चों का कोरोना से बचाव हो सकता हैै।

हैंड वॉश की आदत

बच्चों को रेगुलर हैंडवाश की आदत डालनी चाहिए और हैंड वॉश करने का सही तरीका भी पता होना चाहिए। किसी भी अच्छे साबुन से 20 सेकंड तक बच्चों को हैंडवाश करवाना चाहिए। खासतौर से खांसने के बाद, छींकने के बाद या किसी बाहरी चीज को छूने के बाद। हैंड वॉश करवाने के बाद एल्कोहल बेस्ड सेनीटाइजर से हाथों को रब कराएं। खांसते वह छींकते  समय बच्चों को टिशू पेपर यूज करने की आदत भी डालनी चाहिए।

हाइजीन का रखें खास ख्याल

इस समय बच्चों को बाहर खेलने जाने से रोके, बच्चे को बार- बार उसके मुंह पर हाथ न लगाने दे। घर पर उनके टॉयज, उनका सामान, फ्लोर वह दरवाजों को रेगुलर डिसइनफेक्ट करते रहे।

हैल्दी डाइट

बच्चों को हेल्दी डाइट दें, ज्यादा पानी पीने की आदत डालें और मौसमी फल जैसे ऑरेंज, लेमन, ग्रेप्स, यह सब उनके आहार में शामिल करें। चीज़ दाले, बीन्स और नट्स को भी रेगुलर उनको खिलाते रहे। विटामिन सी और जिंक सिरप देते रहें।

पेरेंट्स के कोरोना पॉजिटिव होने पर

अगर किसी हालात में पेरेंट्स पॉजिटिव हो गए हैं तो बच्चों से उचित दूरी बनाए रखें। पूरे समय बच्चे और मां-बाप मास्क लगाकर रखें। बच्चों के बर्तन, तौलिया और उनके कपड़ों और उनके सामान को अलग रखें। और उस समय हाइजीन का खास ख्याल रखें और घर को डिसइनफेक्ट जरूर करवा लें।

बच्चों में कोरोनावायरस आने पर

बच्चों ने कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर ऑनलाइन कंसल्टेशन लेने के बाद दवाई स्टार्ट करें। अगर बच्चों को गले में दर्द, खांसी, नाक बहने जैसी माइल सिम्टम्स है तो दवाई दें और बच्चों को उचित आराम करवाएं।

बच्चों में कोरोना के मॉडरेट सिम्टम्स आने पर

बच्चों में फीवर आने या ब्रीदिग प्रॉब्लम होने पर उन्हें आइसोलेशन में एडमिट करवा देना चाहिए। जहां बच्चे का ट्रीटमेंट सही तरीके से शुरू हो जाएगा