प्रेगनेंसी में क्यों होते है लेग क्रैम्प्स? ऐसे पाए लेग क्रैम्प्स से छुटकारा

गर्भावस्था के समय महिलाओं को अपना अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस दौरान आप की जरा सी लापरवाही आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

 | 
pregnancy cramps

वैसे तो प्रेगनेंसी एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं के शरीर में कई परिवर्तन होते हैं, जो कभी-कभी उनके लिए असहनीय हो जाते हैं। प्रेगनेंसी में महिलाओं में कई तरह के शारीरिक बदलाव आते हैं। कुछ अच्छे तो कुछ कष्टदायी। अधिकतर उनके लिए यह तकलीफ सहना मुश्किल होता है। गर्भावस्था के समय महिलाओं को अपना अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इस दौरान आप की जरा सी लापरवाही आपके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकती है।

ऐसी ही एक समस्या होती है क्रम्पिंग की, जिसे हिंदी में ऐंठन या जकड़न कहा जाता है। पैरों में होनेवाली यह ऐंठन गर्भवती अवस्था में बहुत आम बात होती है, लेकिन यह काफी दर्दनाक होती है। पैरों में ऐंठन की वजह से महिलाओं को पैर में काफी तेज़ दर्द होता है, जिसे बर्दाश्त करना कभी-कभी मुश्किल हो जाता है। महिलाओं को पैरों में क्रैम्प्स दिन से ज़्यादा रात में महसूस होते है, क्योंकि उस वक्त थकान और शरीर के फ्लुइड्स दोनों ज्यादा एक्टिव होते हैं।

कब शुरू होते हैं प्रेगनेंसी क्रैम्प्स?

पैरों के क्रैम्प्स महिलाओं को उनके सेकंड या थर्ड ट्राइमेस्टर में होना शुरू होते हैं, जब गर्भ में पल रहे शिशु का आकर भी बढ़ने लगता है।

क्यों होते हैं प्रेगनेंसी के दौरान में पैरों में क्रैम्प्स?

  • गर्भावस्था के दौरान मांसपेशियों में आने वाली सूजन के कारण पैरों में ऐंठन की समस्या हो जाती है।
  • गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में होर्मोनेस में परिवर्तन होते हैं, इस वजह से भी क्रैम्प्स की समस्या को आम माना जाता है।
  • यदि अपनी प्रेगनेंसी के वक्त महिलाएं संतुलित आहार का सेवन नहीं करती हैं, तो भी उन्हें क्रैम्प्स की समस्या होती है।
  • गर्भ में शिशु के वजन से महिलाओं को कमजोरी महसूस होती है, जिसकी वजह से भी कई बार उनके पैरों में ऐंठन होती है

पैरों में आ रहें क्रैम्प्स का क्या है इलाज?

पैरों में क्रैम्प्स आने पर नीचे दिए गए कुछ चीज़ों को आप तय कर, अपने पैरों को आराम दे सकते हैं।

पैरों को करें फ्लेक्स : अपने पैरों को सीधा करें और धीरे-धीरे अपने अंगूठे और एड़ी को घुमाएं। इसे आप कई बार धीरे-धीरे करें। आप इसे अपने बेड पर लेटकर भी कर सकते हैं, लेकिन यदि आप इसे खड़ी होकर अपनी एड़ियों के सहारे करेंगी तो इसका अधिक फायदा होगा।

ऐंठन वाली जगह को करें ठंडा : क्रैम्प्स आने पर ठंडी सतह पर खड़े होने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपके क्रैम्प्स को आराम मिलेगा। यदि आप ऐसा नहीं कर सकती, तो आइस पैक की सहायता से अपनी एड़ियों को सेंक करें।

सेंक करें : आप चाहे तो क्रैम्प के बढ़ने पर, राहत के लिए हीटिंग पैड का उपयोग करें। यदि आपको हीटिंग पैड से राहत नहीं मिल रही है तो सेंक लेना रोक दें।

मसाज करें : क्रैम्प्स की पीड़ा को रोकने का अन्य विकल्प मालिश हैं। आप चाहे तो खुद या फिर अपने पार्टनर की सहायता लेकर, अपने एड़ियों पर मसाज करें।