भारत में पहली बार आयोजित हुआ 'इंडिया हैप्पी फेस्टिवल'

लोगों को दिए गए ख़ुश रहने के टिप्स

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india happy festival

तनाव भरी जिंदगी में हर इंसान हंसना भूल जाता है। मौजूदा दौर तो ऐसा है कि इंसान चाह के भी हंस नहीं सकता है, हालांकि हंसना और ख़ुश रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना ज़रुरी है यह हम सभी को पता है। महात्मा गांधी ने यंग इंडिया में लिखा था, मौत के बीचों-बीच ज़िंदगी बसती है| असत्य के बीच सत्य छिपा होता है| अंधेरे के भीतर से ही रोशनी निकलती है।

इसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए 29 मई को देश में पहली बार इंडिया हैप्पीनेस फेस्टिवल 2021 का ऑनलाइन आयोजन किया गया। आयोजन का एकमात्र लक्ष्य था लोगों की जिंदगी में ख़ुशी के कुछ पल डालना, जिससे उन्हें मानसिक शान्ति मिलें और वह अपने जीवन में अधिक सकारत्मक हो सकें।

इस आयोजन के लिए ली गई रजिस्ट्रेशन फीस कोविड से जुड़े राहत कार्यों में खर्च की जाएगी। इस दौरान ग्लोबल हैप्पीनेस एक्सपर्ट्स और हैप्पीनेस रिसर्चर्स ने अपने विचार लोगों के बीच बांटे। इसके बाद दो पैनल डिसक्शन भी हुए, जिसमें मीडिया एक्सपर्ट्स, ईओ और मनोरंजन जगत के दिग्गजों ने पार्टिसिपेट किया. भारत में हैप्पीनेस पर प्रमुखता से काम कर रहे एमडीआई (गुड़गांव) के प्रोफेसर राजेश पिलानिया के वक्तव्य के साथ हैप्पीनेस फेस्टिवल की शुरुआत की गई।

उन्होंने पांच शोधों पर आधारित हैप्पीनेस टिप्स साझा किए गए, जिसमें बताया गया कि कैसे ख़ुशी को एक विकल्प बनाना होगा और इसे ख़ुद चुनना होगा और साथ ही, ख़ुशी से जुड़े विश्वासों को बदलना होगा। वहीं उन्होंने बताया कि ख़ुशी के लिए कृतज्ञता और क्षमा कितनी ज़रूरी हैं।  वहीं नकारात्मक लोगों से दूर रहना भी जरूरी है। हैप्पीनेस स्ट्रेटिजी फाउंडेशन की ओर से फेस्टिव में भागीदारी करने वालों से कई मज़ेदार सवाल जवाब किए गए जिसमें उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया |