पर्यावरण की आवाज

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पर्यावरण की आवाज

   पर्यावरण……. आप सभी को पता ही होगा की; पर्यावरण क्या है और किसको कहा जाता है । पाठशाला से ही पर्यावरण के बारे में सिखाया जाता है और उसके बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान दिया जाता हैं। पर्यावरण के बारे में जितना कुछ जाने और समझे उतना कम है । पाठशाला के किताबों में पर्यावरण चित्रों में और हम जब अपनी आंखो से पर्यावरण को देखते हैं; उसमे बहुत फर्क हैं । क्या आपको लग रहा है; पर्यावरण हमारे साथ खुश है ।

 

      पर्यावरण का महत्व हम सभी को पता है; क्या है । परंतु हम नजरंदाज करते हैं । आज के पर्यावरण की हालात अब पहले जैसी नहीं रहीं । वह हरियाली, वह नीला आकाश, वह साफ - सुदरा सागर अब तो नहीं रहा । क्योंकि इसकी वजह आप को भी पता है । क्या आपने कभी पर्यावरण की आवाज सुनी है । वह क्या बताना चाहता है । वह बताता नहीं किन्तु करके दिखता है । पर्यावरण हमे सब कुछ देता है; पर हम उसे क्या देते है, प्लास्टिक, कूड़ा, प्रदूषण और अन्य । प्रदूषण कि वजह से हवा प्रदूषित हो रही है; जिसके वजह से हम अच्छी तरह से सांस भी नहीं ले सकते और हम अभी नहीं कुछ कर सकते तो आने वाली पीढ़ियों को इसका सामना करना पड़ेगा । सागर, नदियां, तालाब इ. खराब होने कि वजह कूड़ा, प्लास्टिक अन्य वस्तुएं है ।  बारिश के मौसम में यह सब हमे देखने मिलता हैं; जब सागर, नदी, तालाब यह कूड़ा किनारे लता है । उसमे की पेड़ - पौधे कट रहे है । और बड़े - बड़े जंगलों को जला दिया जा रहा है । पशु - पक्षी यह भी पर्यावरण का एक हिस्सा है । जैसे पर्यावरण का एक हिस्सा है। जैसे पर्यावरण हमारी देखभाल कर रहा है; वैसे ही हमे पर्यावरण की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है ।

     

कुछ ही दिनों से आप देख रहे होंगे की कभी बारिश, कभी गर्मी तो कभी ज्यादा जी ठंड पड़ रही है । इसकी वजह यह है; कि पर्यावरण का संतुलन बिघड़ गया है । ऋतुएं बदलने की वजह से किसान भी हैरान है। हमारे समाज में ऐसे भी लोग है; जिन्हे प्रकृति की बहुत चिंता है, उन्हें पर्यावरण का महत्व क्या है यह अच्छी तरह से पता है । वह लोग इस प्रकृति को अच्छे बनाए रखने के लिए झट रहे है । आंदोलन कर रहे हैं।  गोरगांव के आरे - कॉलोनी में भी हजारों से ज्यादा पेड़ कटवाएं थे । इसलिए वहां के रहवासियों ने तथा अन्य लोगों ने वह आंदोलन किया था। ब्राझील के अमेजॉन जंगल को भी एका - एक भीषण आग लगी थी । पूरा जंगल उसमें खाक हुआ।  आखिर में बारिश के वजह से थोड़ा बहुत जंगल बच गया । कित्येक जानवरों, पशुओं को हत्या हुई और कित्येक पेड़ - पौधे जलकर खाक हुए । तभी - भी वहां के लोगो ने उसके प्रति आवाज उठाई । आखिर कर क्यों ऐसा हो रहा है; क्या  प्रकृति हमारे लिए कुछ भी नहीं है । इंसानों अभी तो जागो; अभी भी वक्त है; प्रकृती से फिर पहले कैसे जुड़ने का ।

 

     हम अपने स्वास्थ के बारे में तथा हमे जीवन में क्या चाहिए यह हम सोच लेते है; परंतु कभी हमने पर्यावरण के बारे में सोचा है; की उसको इतनी तकलीफ देकर उसे कैसा लगता होगा । मानव खुदके बारे में ही सोचता है; परंतु देनेवाले के बारे में नहीं । अन्य लोग जैसे पर्यावरण का जी - जान लगाकर खयाल रख रहे है; वैसे आप की बारी है; अब आगे आने की और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की । क्योंकि पर्यावरण है तो हम हैं । और जरा पर्यावरण की बातो को सुनो ।