हिन्दी दिवस का महत्व

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हिंदी का इतिहास इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के इंडो-आर्यन डिवीजन से संबंधित है। भारत में सैकड़ों भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती हैं। आजादी के बाद देश में सबसे बड़ा सवाल भाषा को लेकर उठा। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था। देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिंदी केंद्र सरकार की दो आधिकारिक भाषाओं में से एक है जहां दूसरी भाषा अंग्रेजी है। हालाकि भारतीय संविधान में सिर्फ 22 भाषाओं को ही मान्यता प्राप्त है। लेकिन 2011 के आंकड़ों के अनुसार ऐसे लोग जो 10,000 से ज्यादा एक भाषा को बोलते हैं ऐसी 121 भाषाएं भारत में बोली और समझी जाती हैं।
हिन्दी दिवस 14 सितंबर
14 सितंबर को स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और संगठनों में हिन्दी दिवस और भाषा के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
कुछ महान कवियों जैसे, बोहर राजेंद्र सिम्हा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद दास सहित कुछ अन्य लोगों के प्रयास से हिन्दी को दो आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में मान्यता दी गई थी।
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने हेतु पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है। जिसमें अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है।