प्रलय के बीच हुआ अजब इक्तेफाक डेडबॉडी पहुँची पूर्वज के घाट

यह ऋषि गंगा और धौली गंगा में मिलती है और उनका अलकनंदा में संगम होता है। मनोज चौधरी बीस साल पहले ही यू पी पुलिस को ज्वॉईन किया था।
देहरादून के कांस्टेबल सुरेश भंडारी ने बताया “मनोज बलबीर सिंह और दीपराज हम तीनों डयूटी पर थे। दीपराज और मैं मेन गेट पर थे। मनोज और बलबीर कमरे में थे। मुझे अचानक रेणी गाँव से शोर सुनाई पङा। मैं कुछ और सोचता- समझता कुछ ही सेकंड में किचङ का एक गुबार हमारे सामने ही था। मैं और दीपराज रोड की तरफ भागना शुरू कर दिए। बलबीर और मनोज को बुलाने की कोशिश की शायद तब तक वे फँस चुके थे।” मनोज के भाई ने कहा ऊपरवाले की कृपा रही कि इक्तेफाक से उनकी डेड बॉडी मिल गई और मिली भी तो, अपने पूर्वजों के घाट पर पहुँचकर रूक गई थी। यह ऋषि गंगा और धौली गंगा में मिलती है और उनका अलकनंदा में संगम होता है। मनोज चौधरी बीस साल पहले ही यू पी पुलिस को ज्वॉईन किया था।