अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बाबुओं को राजनीति में शामिल होने से रोकने की चेतावनी दी 

अरविंद केजरीवाल की बात जुनून या फिर अहंकार?

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सीख पुरानी थी। मौका ताजा ताजा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बोल दिया धमकी तक दे दी कि दिल्ली का मुख्यमंत्री मैं ही रहूंगा। अगले 10 साल तक तमाम राजनीति छोड़िये मेरी बात सुनिए। 

सही कही अरविंद केजरीवाल। इसमें कोई दो राय नहीं कि उन्होंने बड़े बड़ों की राजनीति कम से कम दिल्ली में तो खत्म कर ही दी कांग्रेस को किनारे लगा दिया, बीजेपी तीन सीटों पर सिमट गई, लेकिन सवाल यह है कि आखिर केजरीवाल को यह साबित करने की जरूरत क्यों पड़ गयी की वहीं दिल्ली की सियासत के सूरमा है ? इस बात का जवाब आपको खुद ब खुद मिल जायेगा, जब आप केजरीवाल की पूरी बात सुनेंगे। 

" राजनीति बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर किसी ने राजनीति करनी है, किसी अफसर ने तो रिजाइन करो, आ जाओ चुनाव के मैदान में। इस देश के अंदर बड़े बड़ों की राजनीति खराब कर दी है हमलोगों ने। अगर किसी ने राजनीति करनी है रिजाइन करो, चुनाव के मैदान में खुलकर आ जाओ, राजनीति करेंगे। आमने सामने खड़े होके लेकिन अगर ब्यूरोक्रेसी के अंदर रहकर राजनीति करने की कोशिश की, तो फिर उससे डील करना हम लोगों को भी आता है। ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आज, इसको आप लोग क्योंकि उसके बाद मुझे मौका नहीं मिला सारे अफसरों को एड्रेस करने का, सो मैंने सोचा की आज। ये बात क्लियर हो जानी चाहिए।"

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उंगली उठाकर दरअसल दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी को धमका रहे थे। सियासत में आने से लेकर अब तक किसी से कभी केजरीवाल की बनी नहीं। "सिविल सर्विस डे" के मौके पर जब दिल्ली के IAS अफसरों को संबोधित करने अरविंद केजरीवाल आये तो ये बात छिपी नहीं। केजरीवाल ने अफसरों को दूसरी धमकी दी। यहाँ रहना है तो उनका एजेंडा फॉलो करना पड़ेगा। 

कामयाब इंसान को या तो काम के प्रति जुनूनी बना देती है या फिर अहंकारी। प्रचंड बहुमत से दिल्ली के सुल्तान बने केजरीवाल अपनी कामयाबी को किस आईने में देखते हैं, ये तो वही जानें लेकिन इस कामयाबी के दम पर वो ब्यूरोक्रेसी को लगे हाथ एक धमकी और दे गए। 

 

"अब चाहे अनचाहे जो भी है, जीस तरह से सरकार चल रही है, बड़े अच्छे तरीके से सरकार चल रही है। जनता बड़ी खुश हैं और इसी तरह से सरकार चलती रही तो 10-15 साल तो हम कही नहीं गए। someone may like it, or someone may not like it  पर 10-15 साल तो हम लोग हैं। ये सरकार कुछ भी हो सकती है बेईमानी नहीं है। ये सरकार लोगों के लिए गरीब से गरीब लोगों के लिए काम करती है"।