किसान आंदोलन के 6 महीने होने पर काला दिवस, अभी भी नहीं बदले हैं हालात!

कृषि कानून का विरोध करते हुए, दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले 6 महीने से डटे हुए हैं और मांग कर रहें हैं की सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।
 
 | 
farmers protest in Delhi

कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को बुधवार को 6 महीने पूरे हो गए हैं। इस दिन को किसान काला दिवस के तौर पर मना रहे हैं। इस दौरान हर किसान ने अपने घरों पर काला झंडा लगाकार विरोध जताया है। कृषि कानून का विरोध करते हुए, दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले 6 महीने से डटे हुए हैं और मांग कर रहें हैं की सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।

उधर, सिंघु बार्डर पर भी कृषि कानून के ख़िलाफ़ किसान काले झंडे दिखाकर काला दिवस मना रहे हैं। किसानों का कहना है कि कोरोना का डर दिखाकर सरकार उनको हटाना चाहती है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमारा विरोध सरकार से है। सरकार तो तिरंगे को भी कहती है क्यों ले लिए। 6 महीने हो गए हैं सरकार नहीं सुन रही है तो काले झंडे तो लगाएंगे ही।"

बता दें, कि किसान संगठनों ने केंद्र के कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ अपने आंदोलन के छह माह पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस' मनाने का आह्वान किया है। किसान पिछले साल नंवबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं और तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। चालीस से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वार्ता की बहाली की अपील की थी।