ध्रुव राठी की डॉक्यूमेंट्री जो सच्चाई को उजागर करती है

पुलिस ने दिल्ली में निजी स्क्रीनिंग को रोका, क्योंकि अनुमति नहीं थी। सच्चाई को दबाने की कोशिश बंद करो!
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AAP
  • ध्रुव राठी के चैनल पर रिलीज़ हुई "अनब्रेकेबल" डॉक्यूमेंट्री।

  • दिल्ली में डॉक्यूमेंट्री की निजी स्क्रीनिंग रोकी गई।

  • 2024 में, पहली बार एक मुख्यमंत्री और उनका पूरा राजनीतिक नेतृत्व बिना सबूत के जेल गया।

  • स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए लड़ने का आह्वान।

ध्रुव राठी के यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हुई डॉक्यूमेंट्री "अनब्रेकेबल" ने भारत की राजनीतिक व्यवस्था के अंधेरे पक्ष को उजागर किया है। यह डॉक्यूमेंट्री 2024 की घटनाओं पर केंद्रित है, जब भारत के इतिहास में पहली बार एक मौजूदा मुख्यमंत्री और उनकी पूरी राजनीतिक टीम को बिना किसी ठोस सबूत के जेल भेज दिया गया था। यह एक ऐसी कहानी है जो हम सबको सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा लोकतंत्र वास्तव में खतरे में है?

हाल ही में, दिल्ली में इस डॉक्यूमेंट्री की एक निजी स्क्रीनिंग को दिल्ली पुलिस ने रोक दिया, जिसका कारण बिना अनुमति के आयोजन होना बताया गया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं। इससे पहले भी, सरकारों ने सत्य और स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने के लिए विभिन्न रूपों में हस्तक्षेप किया है। 

"अनब्रेकेबल" एक ऐसी डॉक्यूमेंट्री है जो सिर्फ एक घटना को नहीं, बल्कि एक व्यवस्था को चुनौती देती है जो राजनीतिक असहमति को दबाने की कोशिश करती है। इस डॉक्यूमेंट्री में, ध्रुव राठी ने विस्तार से 2024 के घटनाक्रम को उजागर किया है जब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं को गिरफ्तार किया गया और उन्हें कथित भ्रष्टाचार के मामलों में फंसाया गया। ये गिरफ्तारियां न केवल एक राजनीतिक दल को प्रभावित करती हैं, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाती हैं।

डॉक्यूमेंट्री में, हम देखते हैं कि कैसे कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है, जहाँ सरकारी एजेंसियों जैसे कि CBI, ED, और IT विभाग का इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। यह डॉक्यूमेंट्री न केवल इन घटनाओं को प्रकाश में लाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि इन कार्रवाइयों के पीछे की मंशा क्या हो सकती है। सवाल उठता है, क्या यह सब सिर्फ राजनीतिक बदला लेने के लिए है या इससे कहीं अधिक गहरी कोई साजिश है?

"अनब्रेकेबल" शीर्षक से, यह डॉक्यूमेंट्री दर्शाया जाता है कि कैसे राजनीतिक दबाव और दमन के बावजूद, सच्चाई और न्याय के लिए लड़ने वाले लोग अटूट हैं। यह एक अपील भी है - जनता से अपील है कि वे इस डॉक्यूमेंट्री को देखें, इसे शेयर करें, और अपनी आवाज़ उठाएं। आखिर, स्वतंत्र अभिव्यक्ति और पारदर्शिता के लिए लड़ाई हम सबकी है, न कि किसी एक व्यक्ति या दल की।

 

 

सरकार की ओर से ऐसी कार्रवाइयों को रोकने के प्रयासों से ही यह साबित होता है कि सच्चाई को दबाने की कोशिशें जारी हैं। यह हमें एक महत्वपूर्ण सबक सिखाता है कि सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमें लगातार सजग और सक्रिय रहना चाहिए। जब हमारे अधिकारों को दबाया जाता है, तब हमें प्रतिरोध करने और अपनी आवाज़ उठाने की जरूरत होती है।

"अनब्रेकेबल" ने हमें यह भी सिखाया है कि सूचना की शक्ति को कम करके नहीं आंकना चाहिए।