गुजरात हाई कोर्ट की डायमंड जुबली पर प्रधानमंत्री  वक्तव्य

जब भी हमारे देश में मुश्किल समय आया है, हमारी न्यायपालिका ने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की है। इस कदम से लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास और बढा है। कोर्ट ने आम आदमी के मन में भरोसा जगाया है। डिजिटल इंडिया के द्वारा अच्छा काम हो रहा है। 24 जिलों में इ-लोक आदालत का प्रावधान लाभदायक है
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गुजरात हाई कोर्ट की डायमंड जुबली पर प्रधानमंत्री वक्तव्य

हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जहाँ न्याय की गारंटी हो और अंतिम व्यक्ति को भी न्याय मिले।”

 

गुजरात हाई कोर्ट की स्थापना 1 मई 1960 को हुई थी। उस वक्त गुजरात मुंबई से अलग होकर एक नया राज्य बना था। हाईकोर्ट इसके पहले गुजरात के नारौल में था। गुजरात हाई कोर्ट की डायमंड जुबली का 60 साल पूरे हुए।

गुजरात हाईकोर्ट की डायमंड जुबली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है “इ-लोक अदालत न्याय के आदर्श भारत की संस्कृति का एक हिस्सा है। जब भी हमारे देश में मुश्किल समय आया है, हमारी न्यायपालिका ने संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की है। इस कदम से लोगों में न्यायपालिका के प्रति विश्वास और बढा है। कोर्ट ने आम आदमी के मन में भरोसा जगाया है। डिजिटल इंडिया के द्वारा अच्छा काम हो रहा है। 24 जिलों में इ-लोक आदालत का प्रावधान लाभदायक है।   विडियो कॉन्फ्रेंसिग द्वारा ऑनलाईन सुनवाई हो रहा है। महामारी के दौरान इ-लोक अदालत की सुविधा न्यायिक व्यवस्था का प्रमाण है। यह ऑनलाईन इ-लोक अदालत द्वारा होनेवाले न्याय आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहित करता है। इन्होंने कहा है कि हमारी न्याय व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए, जहाँ न्याय की गारंटी हो और अंतिम व्यक्ति को भी न्याय मिले।”

अतः न्यायिक अदालत द्वारा हुए सशक्त निर्णय से लोगों में हमारे संविधान और न्याय पालिका के प्रति विश्वास जागा है। लोगो में आत्मविश्वास की झलक नजर आती है। संविधान और न्यायपालिका के निर्णय का हम हार्दिक स्वागत करते हैं।