भारत और रूस का दोस्ताना अब चाँद पर भी दिखने वाला है 

आखिर कौन उतरेगा पहले चाँद पर भारत का चंद्रयान-3 या फिर रूस का लूना-25? 

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भारत और रूस का दोस्ताना अब चाँद पर भी दिखने वाला है।  भारत का चंद्रयान थ्री जहाँ चाँद की सतह पर लैंडिंग के बेहद करीब है तो वही  रूस  पीछे नहीं है, 47 साल बाद रूस ने अपना मून मिशन लॉन्च कर दिया है। रूस ने मून मिशन 25 को लॉन्च किया और ये चाँद के साउथ पोल पर उतरेगा। मिशन का मकसद चंद्रमा पर पानी की खोज करना है। रूस का लूना 25  चंद्रयान से 2 दिन पहले ही लैन्डिंग कर सकता है।  चाँद की सतह के करीब पहुंचा चंद्रयान थ्री लगातार इसकी दूरी कम हो रही है। 23 अगस्त का दिन बताया जा रहा है जब इसकी moon पर लैन्डिंग हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ रूस की तरफ से भी "लूना 25" इसका नाम बताया जा रहा है जो की चाँद पर पहले पहुच सकता है । 


चंद्रयान थ्री भारत के बाद रूस का लूना मिशन 
चंद्रयान थ्री के पीछे लूना 25। 
कौन उतरेगा पहले चाँद पर? 

चंद्रयान पर भारत को अपने दोस्त रूस से कड़ी चुनौती मिलने जा रही है। भारत के चंद्रयान थ्री के पीछे पीछे रूस ने भी अपना moon मिशन लूना 25 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है। ये मिशन भारत के चंद्रयान थ्री से करीब एक महीने बाद लॉन्च किया गया है। 

भारत का चंद्रयान थ्री 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। ऐसा करने की बाद भारत दुनिया के उन चंद देशों में शामिल हो जाएगा जो चंद्रमा तक पहुंचने का दम रखते हैं। हालांकि अब भारत को इस क्षेत्र में अपने पुराने दोस्त रूस से सीधी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। रूस का लूना 25 भी "सोयूज रॉकेट" के जरिये चाँद की तरफ रवाना हो गया है। रूस करीब 47 सालों बाद चाँद पर जा रहा है। यह माना जा रहा है की लूना 25 आने वाले 21 अगस्त को  चाँद के साउथ पोल पर उतरेगा। रूस अपने इस मिशन में सोयूज़ 2.1 B frigate rocket का इस्तेमाल कर रहा है जो भारत के चंद्रयान थ्री से कई गुना ताकतवर है। 

अगर लूना -25 सफलतापूर्वक चाँद पर उतरता है तो वो भारत के चंद्रयान -3 से दो दिन पहले land कर जाएगा । लूना -25 लेन्डर को पूरी तरह से रूस में तैयार किया गया है। ये पहली बार है जब रूस ने मून मिशन के लिए सारी तैयारी खुद की है। इससे पहले USSR सितंबर 1958 और अगस्त 1976 के बीच 24 लूना मिशन लॉन्च कर चुका है। 

"लूना-24 और चंद्रयान-3 दोनों के बारे में देखे तो चंद्रयान-थ्री चंद्रमा की सतह पर सिर्फ दो हफ्ते काम करेगा जबकि लूना- 25 साल भर काम करेगा, तो लूना-25 चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन की खोज करेगा और साथ ही लूना 25 चन्द्रमा की आंतरिक संरचना पर भी रिसर्च करेगा। लूना में खास तंत्र लगा है जो moon की सतह की छे इंच खुदाई करके पत्थर और मिट्टी का सैंपल जमा करेगा ताकि जमे हुए पानी की खोज की जा सके। भारत का चंद्रयान-थ्री चाँद की सतह की तस्वीरें लेगा। वहाँ की वातावरण, खनीज, मिट्टी से जुड़ी तमाम जानकारीयों को जुटाएगा। इसका एक लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और soft लैन्डिंग करना भी है।"