आज गुलाबनबी आजाद का कार्यकाल पूरा हुआ

इस राजनैतिक क्षेत्र में इनका दबदबा और इनकी पकङ बहुत अच्छी रही।
 | 
आज गुलाबनबी आजाद का कार्यकाल पूरा हुआ

गुलाबनबी आजाद ने हमेशा देश की सेवा की है। आज प्रधानमंत्री के आँखों में आँसू भर गए। इन्होंने नम आँखों से इनकी बिदाई की। राज्यसभा में आज चार सांसद की बिदाई हुई।

गुलाबनबी आजाद का जन्म 7 मार्च 1949 को ग्राम सोती, भदरवाह, जिला डोडा (जम्मू और कश्मीर) में हुआ था। इन्होंने भलस्वा में ब्लॉक काँग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया था। इन्होंने महाराष्ट्र में वाशिम निर्वाचन क्षेत्र में प्रवेश किया। इन्होंने 1980 में महाराष्ट्र् में वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला संसदीय चुनाव जीता। इस पद को त्यागने के पश्चात उन्हें युवा काँग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। गुलाब नबी आजाद महाराष्ट्र से सातवी और आठवी लोकसभा के सदस्य रहे हैं। उन्हें पंद्रहवी लोकसभा के मंत्रीमंडल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में मंत्री बनाया गया था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री के रूप में केबीनेट में शामिल किया गया, फिर वे राजनैतिक ऊँचाई पर पहुँच गए। इन्होंने 2005 में जम्मू काश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया। 2008 में उन्होंने मुसलमानों द्वारा बङे पैमाने पर विद्रोह के बाद एक हिंदू तीर्थस्थान के निर्माण के लिए भूमि के हस्तांतरण को रद्द करके एक तीव्र परिणाम को बढावा दिया। इस राजनैतिक क्षेत्र में इनका दबदबा और इनकी पकङ बहुत अच्छी रही।

प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने आज गुलाबनबी आजाद को एक सच्चा दोस्त बताते हुए भावुक हो गए और उन्होंने कहा कि गुलाबनबी जी जब मुख्य मंत्री थे, तब मैं भी किसी राज्य का मुख्य मंत्री था। हमारी बहुत गहरी निकटता रही है। एक बार गुजरात के कुछ यात्रियों पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, आठ लोग उसमें मारे गए। सबसे पहले गुलाबनबी जी का मुझे फोन आया था। उनके आँसू रूक नहीं रहे थे। उस समय प्रणव मुखर्जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा- अगर मृतक शरीर के लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए! तब प्रणव मुखर्जी ने   कहा कि मैं व्यवस्था करता हूँ। गुलाब नबी उस रात एअरपोर्ट पर थे और मुझे फोन किया। हम जैसे अपने परिवार की चिंता करते हैं, वैसे ही वे उनकी चिंता कर रहे थे। सत्ता जीवन में आती रहती है उसे कैसे पचाना। ये कोई गुलामनबीजी से सीखे। मेरे लिए वो बङा भावुक पल था। दूसरे दिन सुबह फोन आया। मोदीजी, सब पहुँच गए। इसलिए एक मित्र के रूप में गुलाबनबी जी की घटना और अनुभव के आधार पर मैं आदर करता हूँ। इन्होंने कहा कि  गुलाबनबी आजाद ने हमेशा देश की सेवा की है। आज प्रधानमंत्री के आँखों में आँसू भर गए। इन्होंने नम आँखों से इनकी बिदाई की। राज्यसभा में आज चार सांसद की बिदाई हुई।

राज्यसभा में गुलाबनबी जी के बिदाई के दौरान अपने प्रिय मित्र के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी जी बहुत भावुक हो गए। शायद यह एक सच्चे मित्र की बिदाई के वक्त भारी मन से उनके साथ बीते पल को याद कर भावनात्मक भाव उमङ पङा।