Chandrayaan-3 ने भेजी चांद की पहली तस्वीर, आखिर चांद पर इतने गड्ढे क्यों हैं?

Moon Landing, चाँद पर इतने गड्ढे बने कैसे? क्या इतने गड्ढ़ों के बीच चंद्रयान तीन का लैंडर आसानी से उतर पाएगा?

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चन्द्रयान तीन ने चाँद की पहली तस्वीरें भेजी हैं। जिसमें चंद्रमा की सतह पर ढेर सारे गड्ढे दिख रहे हैं। सवाल यह है कि चाँद पर इतने गड्ढे बने कैसे? क्या इतने गड्ढ़ों के बीच चंद्रयान तीन का लैंडर आसानी से उतर पाएगा? जानते हैं इन सवालों के जवाब।  

पृथ्वी और चंद्रमा की कहानी, लगभग एक ये बात है करीब 450 करोड़ साल पुरानी। तब से लेकर अब तक दोनों पर लगातार अंतरिक्ष से आने वाले पत्थर यानी उल्कापिंड गिरते रहते हैं। इनके गिरने से एक गड्ढे बनते हैं। इन्हें "इम्पैक्ट ग्रेटर" भी कहा जाता है। धरती पर अभी तक ऐसे 180 इम्पैक्ट खोजे गए है। चंद्रमा पर करीब 14,00,000 गड्ढे हैं। 

2137 से ज्यादा क्रिएटर की पहचान कर ली गई है और 1675 की उम्र का भी पता लगाया जा चुका है। वहाँ मौजूद हजारों गड्डों को इंसान देख भी नहीं पाया है क्योंकि, उसके अंधेरे वाले हिस्से में देखना मुश्किल है। ऐसा नहीं है कि चाँद की सतह पर मौजूद गड्ढे सिर्फ इम्पैक्ट क्रिएटर हैं। 

कुछ करोड़ों साल पहले हुए ज्वालामुखी विस्फोटों की वजह से भी बने हैं। नासा ने चंद्रमा पर सबसे बड़ा गड्ढा 17 मार्च 2013 को देखा था। जब 40 किलोग्राम का एक पत्थर चाँद की सतह से 90,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया था। इस टक्कर से जो गड्ढा बना वो बेहद बड़ा है। उसे आप जमीन से भी देख सकते हैं। अगर टेलिस्कोप लगाकर देखेंगे तो आपको बेहद शानदार नजारा देखने को मिलेगा। चाँद पर न तो पानी है ना ही वायुमंडल और ना ही धरती की तरह टेक्टॉनिक है । 

देखेंगे तो आपको बेहद शानदार नजारा देखने को मिलेगा। चाँद पर न तो पानी है, नहीं वहा वायुमंडल और ना ही धरती की तरह टेक्टॉनिक लें। इसलिए वहाँ पर मिट्टी कटती रही। वहाँ इरोशन नहीं होता या फिर कम होता है। और यही वजह है कि ये गड्ढे भर नहीं पाते। जबकि धरती पर ऐसे गड्ढ़ों पर मिट्टी जम जाती हैं, उनमें पानी भर जाता है या वहाँ पेड़ पौधे उग जाते हैं जिसकी वजह से गड्ढे पड़ जाते हैं। चंद्रमा पर बने ज्यादातर गड्डों की उम्र 200,00,00,000 साल है। 


चंद्रमा पर सबसे बड़ा गड्ढा दक्षिणी ध्रुव के पास है। इसे पार करने के लिए आपको इसके अंदर करीब 290 किलोमीटर चलना पड़ेगा। चाँद पर मौजूद 13,00,000 गड्डों का व्यास है। इस एक किलोमीटर में 83,000 का व्यास 6972 गड्ढे ऐसे हैं जिनका व्यास 20 किलोमीटर से ज्यादा है। 

अब ये भी जान लीजिए की इस समय चंद्रयान तीन कहाँ है? इस समय चंद्रयान चाँद के चारों तरफ 170*4313 किलोमीटर वाली अंडाकार ओरबिट में घूम रहा है। "इसरो" वैज्ञानिक चंद्रयान तीन को लेकर तय तारीखों से आगे चल रहे हैं। अभी वो जिस कक्षा में है वो उसे 9 अगस्त 2023 को हासिल करनी थी। लेकिन वो इस ऑर्बिट में समय से पहले ही घूम रहा है। अब देखना ये है की इसरो वैज्ञानिक इसे अब कितनी दूरी वाले orbit में डालते है।