नहीं थम रहा है गंगा नदी में लाशों का सिलसिला, प्रशासन डाल रही है पर्दा

मामले पर गौर किया जाए, तो बक्सर प्रखंड में ही स्थित बड़का गांव से सटी गंगा नदी में दर्जनों लाशें पड़ी दिख रही हैं।
 
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नहीं थम रहा है गंगा नदी में लाशों का सिलसिला, प्रशासन डाल रही है पर्दा

कोरोना कहर के बीच जिस चीज़ ने उत्तर भारत के लोगों को डरा रखा है, वह है उनकी पूजनीय नदी गंगा में लाशों का मिलना। नदी में लाशों के मिलने का सिलसिला बक्सर के चौसा महदेव घाट से शुरू हुआ, जो अब ब्रम्हपुर प्रखंड के नैनीजोर तक जारी है। गंगा नदी में मानो लाशों का मेला लग रहा है। अगर ताज़े मामले पर गौर किया जाए, तो बक्सर प्रखंड में ही स्थित बड़का गांव से सटी गंगा नदी में दर्जनों लाशें पड़ी दिख रही हैं।

वहीं, ब्रम्हपुर प्रखंड के बड़की नैनीजोर घाट और बिहार के घाट पर भी पड़ी हुई लाशों को प्रशासन के द्वारा दफनाया जा रहा है। इस घाट पर लाश डुबा रहे व्यक्ति का कहना है कि सेमरी सीओ के आदेश पर लाशों को छुपाया जा रहा है। इस बात की जानकारी देते हुए मुन्ना कुमार राय ने बताया कि लाशों को हम लोग बहा देते हैं, धकेल देते हैं, क्योंकि सीओ का आदेश है कि घाटों की साफ-सफाई नियमित तौर पर होती रहे। लेकिन, मेरा मानना है कि लोगों को लाश जला देना चाहिए या दफना देना चाहिए ताकि कोरोना की बीमारी और लोगों तक ना पहुंचे।