कोरोना और हम

हमारे सामने कभी कुछ संकट खड़ा रहेगा, हम बता नहीं सकते । २०१९ का आखरी दिन हम सबने अच्छी तरह से मनाया और आने वाले नए साल को याने कि २०२० को हमने अच्छी शुभकामनाएं दी । पर हमें क्या पता कि नया साल नए साल की तरह कुछ नया होगा । ऐसे करते २०२० के जनवरी और फरवरी का महीना निकाल गया । मार्च भी आया और संकट भी आया । कोरोनावायरस २०१९ में ही अन्य देशों में फ़ैल चुका था और हिंदुस्तान में भी । पर हमने उस तरफ ध्यान नहीं दिया । जब हिंदुस्तान में कोरोनावायरस मरीजों को संख्या बढ़ती गयी । इसलिए अपने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियोंने भारत बंद की घोषणा की। इस तरह सी मार्च से ही भारत बंद की घोषणा हुई, सिर्फ अस्पताल, समाचार पत्र ऐसे अन्य के लोगो के लिए ही वाहतुक सुविधाएं मौजूद थीं।
दिन ब दिन बढ़ते जा रहे थे । और उसमे महीने भी निकलते का रहे थे । हम पिंजरे में रहने वाले पशु - पक्षियों को तरह लग रहे थे । सब जगह शांति थी सिर्फ पुलिसोंकी, अस्पताल की रोगी-वाहन की गाड़ी और घर में लगे समाचार की आवाजे आ रही थी । इसी दिनों में हम सबने इन्सानियत क्या होती है; यह भी देख लिया । शत्रुता और मित्रता का महत्व समझा । कौन अपने कौन पराए यह भी देख लिया । कोरोनावायरस के वजह से बड़ी - बड़ी कंपनियां बंद हो गयी । इसी वजह से बहुत लोगों ने आत्महत्या कर ली परंतू दूसरों ने जिद्द नहीं खोयी। कोरोनावायरस के वजह से बहुत से मरीजों की मृत्यु भी हुई । कुछ - कुछ लोगों ने अपने प्यारो को खोया । किन्होंने मित्रत्वा का हाथ आगे किया तो किन्होंने संकट आते ही वह नाता छोड़ दिया । हम सबने बहुत कठिनाइयों का सामना किया और कोरोनावायरस को हराने कि जिद्द नहीं छोडी । ऐसे में ही रेल गाड़ियों जैसे अन्य वहतुक सुविधाएं भी ठप्प ही गयी । अपने - अपने देशो और राज्यों में जाने के लिए लोग तरस रहे थे । क्योंकि कोई संकट हमारे सामने आए तो पहले हमे अपने मुल्क और घरवालोंकी याद आती है । हम कोरोनावायरस को धीरे - धीरे हर भी रहे थे और पहले जैसा सब कुछ ठीक करने के लिए प्रयास कर रहे थे और अभी भी हम कर रहे हैं, क्योंकि कोरोनावायरस अभी तक गया नहीं । और इसी तरह से। कब छह महीने गए पता नहीं चला । धीरे - धीरे सब सुविधाओं को पूरी तैयारी से और कोरोनावायरस से बचने के लिए आवश्यक सामग्री के साथ शुरूवात हुई । सब लोगो ने इस तरफ ध्यान दिया और आज भी वही बात में रहे हैं; जैसी सूचनाएं प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों ने दी हो ।
अब २०२० साल भी पूरा कोरोनावायरस में ही गया । और २०२१ साल आया । हमने २०२१ को भी अच्छी शुभकामनाएं दीं और यह संकट जल्दी हमसे दूर हो जाने की ईश्वर से प्रार्थना की । इस संकटकाल में हमें अपनी खुदकी और दूसरों की भी देखभाल करनी चाहिए । क्योंकि हम सब एक हैं । कोरोनावायरस ने हमें बहुत कुछ सिखाया और मुझे पता हैं; कि आप को भी यह अंत तक याद रहेगा । अब सभी जगह कोरोनावायरस जैसे दूसरे रोग के फैलने कि बातचीत हो रही है । उम्मीद है कि यह ज्यादा से ज्यादा ना फैले । और इसकी n फैलने की देखभाल हमे लेनी चाहिए । क्योंकि हम देखभाल करेंगे तो कुछ अच्छा होगा । इसलिए अपनी देखभाल करे और दूसरों की भी क्योंकि कोरोनावायरस गया नहीं, परंतु हमे उस हराना है ।