बच्चों में कोरोना का संक्रमण गंभीर नहीं होता
लेकिन वायरस अपना व्यवहार बदल ले तो इंफेक्शन बढ़ सकता है
Jun 1, 2021, 18:10 IST
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केंद्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ने की आशंका से तैयारी शुरू कर दी है। देश में कोरोना के हालात पर मंगलवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बच्चों में कोरोना की बीमारी गंभीर नहीं होती, लेकिन हो सकता है कि वायरस अपना व्यवहार बदल ले तो इंफेक्शन बढ़ सकता है।
इसी लिहाज़ से तैयारी की जा रही है। इस मसले पर एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप बनाया गया है। डेटा और अनुभव को देखते हुए गाइडलाइंस तैयार की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोविड आता है तो उसके दो रूप होते हैं। बुखार आया, निमोनिया हुआ और बच्चे को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। ये भी देखने में आया है कि कोविड आया, चला गया और पता भी नहीं चला।
कोविड से रिकवर होने के बाद देखा गया कि कुछ दिनों बाद रेशेज आ रहे हैं। निमोनिया भी हो गया। इस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डेटा से पता चला है कि कम संख्या में बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
वैक्सीनेशन की पॉलिसी पर सरकार ने साफ किया है कि देश मे कोवीशील्ड के 2 डोज लगाने का नियम है। यही बना हुआ है, इसमें कोई कंफ्यूज़न नहीं होना चाहिए। कोवीशील्ड का पहला डोज देने के 12 सप्ताह के बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। कोवीशील्ड के दो ही डोज लगाए जाएंगे, एक नहीं। कोवैक्सिन का भी यही शेड्यूल है। जब तक वैज्ञानिक रूप से साबित न हो जाए, वैक्सीन के डोज मिलाने का सवाल ही पैदा नहीं होता और न ही ऐसा किया जाएगा।