कोरोना महामारी के लिए रामबाण है – कोवैक्सीन
“मानव जब जोर लगाता है, तब पत्थर पानी बन जाता है।”
हमारा परिवार, हमारा समाज और हमारा देश, जिस कोरोना महामारी से लगातार लङ रहा था, उससे बाहर आने के लिए कोवैक्सीन एक सफल प्रयास है।
टीकाकरण महाअभियान के दौरान प्रधान मोदी ने कहा था- “मानव जब जोर लगाता है, तब पत्थर पानी बन जाता है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह तथ्य मानव मन में जोश, उत्साह और उत्तेजना को प्रेरित करनेवाला है। इससे जनता में सकारात्मक प्रवृत्तियों का आना निश्चित है। कोरोना महामारी के संकट से बाहर आने के लिए व्याकुल हर व्यक्ति का व्यक्तित्व और उसका मानवमन सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए अवश्य प्रेरित होगा। हमारा परिवार, हमारा समाज और हमारा देश, जिस कोरोना महामारी से लगातार लङ रहा था, उससे बाहर आने के लिए कोवैक्सीन एक सफल प्रयास है।
जहाँ सकारात्मक सोच हो, सकारात्मक प्रवृत्तियाँ हों, वहाँ नकारात्मक प्रवृत्तियों का कोई काम नहीं होता है। अतः कहने का तात्पर्य यह है कि हमारा परिवार, हमारा समाज और हमारा देश विकास की ओर अग्रसर है। हमें नकारात्मक सोच वाले भ्रामक वृत्तियों से दूर रहना है।