दिल्ली मेट्रो का विस्तार: 2015 से 2024 तक का सफर

दिल्ली और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल से दोगुना हुआ नेटवर्क
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DM
  • दिल्ली मेट्रो का विस्तार
  • 2015 से 2024 तक की प्रगति
  • AAP सरकार का योगदान
  • 1996 में पहली मंजूरी
  • साझा निवेश मॉडल

दिल्ली मेट्रो, जो कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच 50:50 शेयर प्रोजेक्ट है, ने अपने नेटवर्क के विस्तार में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2015 में जहां दिल्ली मेट्रो का कुल नेटवर्क 193 किलोमीटर था, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा 390 किलोमीटर तक पहुंच गया है। यह विस्तार न केवल दिल्ली के परिवहन ढांचे को मजबूत करता है बल्कि शहर की समग्र मोबिलिटी को भी बढ़ावा देता है।

दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 1996 में हुई थी जब तत्कालीन गैर-कांग्रेस और गैर-भाजपा की फेडरल फ्रंट सरकार ने इसे मंजूरी दी थी। तब से, इस परियोजना ने कई सरकारों के समर्थन से अपनी यात्रा जारी रखी है। विशेष रूप से, आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने इस परियोजना में अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा निवेश किया है, जिससे मेट्रो के विस्तार की गति में तेजी आई है।

इस विस्तार ने दिल्ली के नागरिकों के लिए परिवहन की सुविधा को काफी हद तक सुगम बनाया है। नए मार्गों और स्टेशनों के जुड़ने से, शहर के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा अधिक सुविधाजनक और तेज हुई है। इससे न केवल यातायात के दबाव को कम किया गया है बल्कि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को भी कम करने में मदद मिली है।

दिल्ली मेट्रो की सफलता का एक बड़ा कारण इसका साझा निवेश मॉडल है, जिसमें दोनों सरकारें समान भागीदार हैं। यह मॉडल न केवल वित्तीय सहयोग को सुनिश्चित करता है बल्कि परियोजना की निरंतरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

आगे की योजनाओं में और भी विस्तार की बात की जा रही है, जिससे दिल्ली मेट्रो न केवल दिल्ली बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं बढ़ा सके। यह विस्तार न केवल दिल्ली की आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि एक स्वच्छ, सुव्यवस्थित और सुगम परिवहन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।