हरीश खुराना का वीडियो लीक: बीजेपी में मचा भूचाल!
खुराना ने पार्टी नेतृत्व पर उठाए सवाल, झुग्गी-झोपड़ी योजना में धांधली का आरोप

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हरीश खुराना ने बीजेपी नेतृत्व को 'ढीला' बताया।
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2.5 करोड़ झुग्गियों में राहत सामग्री का वितरण, सिर्फ 75 लाख तक पहुंची।
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वीडियो में दावा किया गया कि बीजेपी टिकटों के बदले 'लड़कियों की सप्लाई' का आरोप।
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खुराना ने कहा कि "बीजेपी नहीं जीत रही!"
हाल ही में एक सनसनीखेज़ वीडियो लीक हुआ है जिसमें बीजेपी के नेता हरीश खुराना ने पार्टी के भीतर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद बीजेपी में भूचाल मच गया है। वीडियो में खुराना ने पार्टी के नेतृत्व को 'ढीला' बताते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रहे हैं।
खुराना ने एक सरकारी योजना का उल्लेख किया जिसके तहत 2.5 करोड़ झुग्गियों में राहत सामग्री पहुंचानी थी, लेकिन उनके दावे के अनुसार, केवल 75 लाख लोगों तक ही यह सहायता पहुंच सकी। यह आरोप सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में व्यापक धांधली और अक्षमता की ओर इशारा करता है।
हरीश खुराना का सनसनीखेज़ वीडियो लीक
— Anyatam Shukla (@AnyatamShukla) February 3, 2025
वीडियो में खुराना ने बोली पार्टी के नेता अब पूरी तरह ढीले पड़ चुके
2.5 करोड़ झुग्गियों में बांटने थे,लेकिन सिर्फ 75 लाख ही पहुंचे
बीजेपी की टिकट लड़कियां सप्लाई करने वालों को मिल रही
हरीश खुराना ने ये भी कबूला –BJP नहीं जीत रही pic.twitter.com/jwCeTLD0Nv
सबसे चौंकाने वाला आरोप खुराना ने चुनावी टिकटों के आवंटन को लेकर लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की टिकटें 'लड़कियां सप्लाई करने वालों' को मिल रही हैं, जो एक गंभीर और विवादास्पद दावा है। यह आरोप यदि सत्य है तो यह न केवल नैतिक और कानूनी सवाल उठाता है बल्कि पार्टी के नैतिक मूल्यों पर भी सवालिया निशान लगाता है।
इस वीडियो में खुराना ने बीजेपी के चुनावी भविष्य के बारे में भी टिप्पणी की, कहा कि "बीजेपी नहीं जीत रही!" यह दावा बीजेपी के समर्थकों और आलोचकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, विशेष रूप से जब आगामी चुनावों की बात आती है।
इस लीक हुए वीडियो से उपजे हलचल के बाद, बीजेपी के प्रवक्ताओं ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस मामले को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर काफी चर्चा हो रही है। जैसे-जैसे यह वीडियो वायरल होता जा रहा है, यह देखना दिलचस्प होगा कि इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है और बीजेपी इस चुनौती का कैसे सामना करती है।
इस प्रकरण ने एक बार फिर से राजनीतिक पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों को उभारा है, जो कि भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण चर्चा विषय है।