उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से भारी त्रासदी
इस बार 7 फरवरी 2021 को सुबह 8-9 बजे के आसपास ग्लेशियर फटने की आवाज आई। इस प्राकृतिक आपदा की मिली जानकारी के अनुसार चमौली जिले में स्थित रेणी गाँव के पास नंदा देवी ग्लेशियर टूटा है।

उत्तराखंड में सदी की भारी प्राकृतिक आपदा की त्रासदी को 2013 में जनता झेल चुकी है। उस दौरान हुई इस प्राकृतिक आपदा में कई घरों से पूरा का पूरा परिवार लापता हो गया था। इतनी अधिक बर्बादी पहले कभी देखने को नहीं मिली थी। इस बार 7 फरवरी 2021 को सुबह 8-9 बजे के आसपास ग्लेशियर फटने की आवाज आई। इस प्राकृतिक आपदा की मिली जानकारी के अनुसार चमौली जिले में स्थित रेणी गाँव के पास नंदा देवी ग्लेशियर टूटा है।
टूटते ग्लेशियर का विकराल रूप देखकर लोगों में हङकंप मच गया। इस आपदा ने अपने सामने आनेवाली हर चीजों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। इसके पश्चात सभी जिलों में खतरा बढने के कारण प्रशासन ने सभी को पूरी तरह एलर्ट कर दिया गया है। नदी के किनारे बसे लोगों को घर खाली करने का आदेश दे दिया गया है। नंदादेवी का ग्लेशियर फटने से वहाँ की प्रसिद्ध तपोवन बैराजपुरी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि ग्लेशियर टूटने की वजह से ऋषि गंगा का प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। कई मजदूरों के दबा होने की आशंका जताई जा रही है। अतः यहाँ से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना में 170 लोगों के लापता होने की संभावना जताई जा रही है और अब तक केवल 10 लोगों के शव मिले हैं। यह ग्लेशियर रेणी गाँव के ऊपरी हिस्से में टूटा है। जिसका दूर-दूर तक इसका असर हुआ है। एक सुरंग से 7 लोगों को बचाया गया है। ग्लेशियर टूटने से नदी का जलस्तर बढ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने इस घटना का संज्ञान लिया है, उन्होंने कहा है “लोगों को सुऱक्षित स्थान में ले जाया जा रहा है । लोगों को मेंडिकल सुविधा में कमी न हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले बर्फबारी हुई थी, जिसकारण वहाँ का मौसम ठंडा है। उस क्षेत्र में कोई भी परिवार ऐसा नहीं है, जिसका कोई न कोई सदस्य लापता न हो। एन डी आर एफ और एस डी आर एफ की टीम बचाव कार्य में लगी हुई है। अब भी बहुत से लोगों का पता लगाना बाकी है।” तटीय स्थान से लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया गया है। सैकङों लोग राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं।