नालंदा स्टिंग केस गिरफ्तारी में दिलचस्प मोड़ 

सीबीआई द्वारा ममता बनर्जी के चार मंत्रियों को कल सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया, फिर उन्हें कुछ घंटे बाद अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया, लेकिन रात में हाई कोर्ट ने जारी किया स्टे ऑर्डर
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नालंदा स्टिंग केस गिरफ्तारी में दिलचस्प मोड़

स्टिंग ऑपरेशन केस में गिरफ्तार चारों टीएमसी नेताओं की ज़मानत पर हाईकोर्ट ने कल रात रोक लगा दी, उन्हें सीबीआई की गिरफ्तारी के बाद स्पेशल कोर्ट ने जमानत दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने चारों की रिहाई पर रोक लगाते हुए ज़मानत के आदेश को पलट दिया और उनकी रिहाई रोक दी। टीएमसी के मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी और विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जमानत दे दी थी। लेकिन देर रात हाई कोर्ट ने यह फैसला बदल दिया।

ग़ौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई ने सोमवार को छापेमारी शुरू की और मामले की जांच में टीएमसी मंत्रियों और विधायक को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई ऑफिस पहुंच गई और घंटों तक ऑफिस के बाहर धरना चलता रहा। उनके प्रवक्ता और वकील अनाघो राउत ने कहा कि दीदी इस कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक कि उनके पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते या फिर उन्हें भी गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता।

जांच एजेंसी के एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही के लिए राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता थी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पिछले दिनों इसकी अनुमति दे दी थी। बता दें कि नारदा स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन ले जाने के मामले का खुलासा हुआ था।

पार्टी नेता की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को टीएमसी के कार्यकर्ता पूर्ण लॉकडाउन के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सड़कों पर उतार आए और पूरे राज्य भर में सुबह से ही जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं कोलकाता में निजाम पैलेस यानी सीबीआई दफ्तर के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। हालात पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बल को लाठीचार्ज करना पड़ा। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने राजभवन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया।