इसरो ने अपने सैटेलाइट सेंटर को दो निजी कंपनियों के लिए खोला

इसरो का काम काफी सराहनीय है. जहां इसरो ने अपने 50 साल के इतिहास में पहली बार अपने सैटेलाइट सेंटर को निजी कंपनियों के लिए खोला है. जहां भारतीय स्टार्ट अप्स के दो सैटेलाइट का इसरो के यूआर राव सैटेलाइट केंद्र में परिक्षण हुआ जो स्पेसकिड्ज इंडिया और पिक्सल है. ऐसा तब हुआ जब भारत ने अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों को खोलने के लिए हामी भरी थी.
दरअसल निजी कंपनियों के लिए एक स्वतंत्र निकाय, भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) की स्थापना की गई थी. यह संस्था न केवल निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष गतिविधि की देखरेख करेगी बल्कि इसरो की सुविधाओं को संभालने और साझा करने का भी काम करेगी. वहीं निकाय के निर्णय को मानना इसरो के लिए भी बाध्यकारी होगा.
बता दें कि, इसरो ने दो सैटेलाइट को मंजूरी दी है. इसमें एक निजी कंपनी की है और दूसरी सैटेलाइट छात्रों है. इसमें स्पेसकिड्ज इंडिया को छात्रों ने डिजाइन किया है.
यह पहला पीएसएलवी मिशन होगा जिसमें भारतीय उद्योग की सैटेलाइट्स को व्यावसायिक रूप से इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा. पीएसएलवी सी-51 मिशन एक ब्राजीलियाई उपग्रह अमोनिया-1 को न्यूस्पेस इंडिया (इसरो की वाणिज्यिक शाखा) की वाणिज्यिक व्यवस्था के तहत लेकर जाएगा. इसके अलावा, लॉन्च व्हीकल 20 पैसेंजर सैटेलाइट्स को लेकर जाएगा. अब छात्र छात्राओं को इससे काफी कुछ सिखने को मिलेगा.